इंडिया न्यूज, Washington News।America Imposed Sanctions on China: शुक्रवार को बाइडेन प्रशासन ने आयात के नए नियम जारी कर दिए हैं। इसके तहत अमेरिकी टूल्स की मदद से कहीं भी सेमीकंडक्टर बनाए जा सकेंगे और चीन द्वारा बनाई जा रही चिप पर रोक लग सकेगी। इस नए आयात नियम के जरिए अमेरिका चीन की तकनीक और मिलिट्री के क्षेत्र में बढ़त को धीमा करना चाहता है। साथ ही अमेरिका चाहता है कि उसके सहयोगी देश भी चीन के ऊपर इसी तरह का प्रतिबंध लगाएं।
बता दें कि इस बारे में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह नियम विदेशी फर्मों द्वारा चीन को एडवांस चिप बेचने या उन्हें चिप बनाने के लिए टूल्स की सप्लाई से रोकता है। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि वह आश्वस्त नहीं हैं कि सहयोगी देश भी ऐसा ही कुछ करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में उन देशों के साथ चर्चा जारी है।
एक अधिकारी ने कहा कि हमें यह बात समझ रहे हैं कि अगर सभी देशों का सहयोग नहीं मिला तो अमेरिकी प्रतिबंध समय के साथ प्रभावी नहीं रह जाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर सभी विदेशी कॉम्पटीटर इसी तरह का नियंत्रण नहीं लगाते हैं तो अमेरिकी टेक्नोलॉजी का नेतृत्व खतरे में पड़ जाएगा। इन नियमों में कुछ तत्काल प्रभाव में आ जाएंगे। यह सभी इस साल की शुरूआत में टॉप टूलमेकर्स केएलए कॉर्प, लैम रिसर्च कॉर्प और एप्लाइड मैटेरियल्स इंक को भेजे गए पत्रों के आधार पर तैयार किए गए हैं।
बता दें कि शुक्रवार को अमेरिका ने चीन की टॉप मेमोरी चिप निर्माता वाईएमटीसी और 30 अन्य चीनी संस्थाओं को एक खास लिस्ट में शामिल किया। इस लिस्ट में शामिल कंपनियों का अमेरिकी अधिकारी निरीक्षण नहीं कर सकते हैं। यह कदम उस खास फर्म पर निशाना साधने के लिए उठाया गया है, जो लंबे समय से बाइडेन प्रशासन की परेशानी की वजह रही है।
मिली जानकारी अनुसार अनवेरिफाइड लिस्ट कड़े इकोनॉमिक ब्लैकलिस्ट की दिशा में एक कदम है। हालांकि अमेरिकी निरीक्षण नियमों का पालन करने वाली कंपनियां इस लिस्ट सूची से बाहर आ सकती हैं। शुक्रवार को, अमेरिकी अधिकारियों ने चीन के वूशी बायोलॉजिक्स सहित 9 ऐसी फर्मों को हटा दिया, जो एस्ट्राजेनेका के सीओवीआईडी-19 वैक्सीन के लिए सामग्री बनाती हैं।
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