इंडिया न्यूज, Delhi News (Crisil Report On GDP): देश की जीडीपी मोर्चे पर एक बार फिर से झटका लगा है। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है। क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जबकि पहले यह दर 7.8 प्रतिशत थी। जीडीपी दर घटाने पर रेटिंग एजेंसी ने कहा कि तेल की तेज कीमतों, महंगाई और निर्यात मांग में कमी के कारण पूवार्नुमान को घटाया गया।
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक जिंस कीमतों में तेजी, माल ढुलाई की लागत बढ़ने, वैश्विक वृद्धि अनुमान कम होने से अर्थव्यवस्था पर दबाव बना है। इतना ही नहीं, मांग पक्ष को बढ़ाने वाला सबसे बड़ा कारक निजी निवेश भी कमजोर बना हुआ है। इस कारण रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उम्मीद की किरण सिर्फ संपर्क-गहन सेवाओं में वृद्धि और अच्छे मानसून से है।
एजेंसी ने कहा कि खपत जीडीपी का सबसे बड़ा घटक है और पिछले कुछ समय से कमजोर है। बताया कि उच्च मुद्रास्फीति क्रय शक्ति को कम करती है और खपत को प्रभावित करती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऊंची जिंस कीमतों, धीमी वैश्विक वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला में बाधा से चालू खाता प्रभावित होगा। इससे अनुमान लगाया जाता है कि चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत हो जाएगा, जो 2021-22 में 1.2 प्रतिशत था।
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