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जेपी मार्गन की हैरान करने वाली रिपोर्ट : क्रूड आयल का दाम पहुंच सकता है 380 डालर प्रति बैरल तक

Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : July 2, 2022, 2:05 pm IST

इंडिया न्यूज, Business News (JP Morgan Report On Crude Oil): रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को 4 महीने से भी अधिक का समय हो गया है। लेकिन यह जंग खत्म होने की बजाय और बढ़ती ही जा रही है। जंग के कारण यूक्रेन को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही इसका प्रभाव पूरे विश्व पर भी पड़ता दिख रहा है।

इसी बीच अब एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इसके मुताबिक यदि हालात यूं ही रहे तो क्रूड आयल का दाम 380 डॉलर यानि 30 हजार रुपए प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। क्रूड आयल के दाम तीन गुना तक बढ़ने की आशंका वैश्विक एनालिस्ट जेपीमॉर्गन चेज एंड कंपनी ने जताई है।

दरअसल, वैश्विक एनालिस्ट जेपीमॉर्गन अपनी एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें चेतावनी दी है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगा दिए हैं जिससे रूस की अर्थव्यवस्था को खतरा हो सकता है। लेकिन यदि इन प्रतिबंधों के चलते रूस कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करता है तो विश्व में कच्चे तेल की कमी हो सकती है जिस कारण क्रूड आयल के दाम में जबरदस्त उछाल आएगा और महंगाई बेकाबू होती चली जाएगी।

दुनिया के लिए खतरा साबित हो सकता है

दरअसल, यूक्रेन पर हमले के खिलाफ रूस पर कई देशों ने न केवल आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं बल्कि रूस से कच्चे तेल के आयात पर भी पाबंदी लगा रहे हैं। ऐसे में अमेरिका समेत कई देश रूस के तेल की अधिकतम कीमत तय करने की कोशिश कर रहे हैं। यदि रूस की अर्थव्यवस्था को नुक्सान होता है तो रूस राजकोषीय स्थिति को देखते हुए हर दिन 50 लाख बैरल की कटौती कर सकता है। इसका रूस की अर्थव्यवस्था पर असर तो कम दिखेगा लेकिन यह बाकी दुनिया के लिए ज्यादा खतरा साबित होगा।

Crude Oil Prices

सख्ती करने पर परिस्थितियां रूस के पक्ष

जेपी मार्गन की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक तेल बाजार पर सख्ती करने की स्थिति में परिस्थितियां रूस के पक्ष में है। यदि रूस के तेल की अधिकतम कीमत तय होती है तो इस बात के आसार सबसे अधिक हैं कि रूस इसे मानने की बजाय सप्लाई में कटौती करेगा। इससे पश्चिमी देशों को ज्यादा नुक्सान होगा।

कितनी कटौती पर कितना असर

जानकारी के मुताबिक अगर रूस कच्चे तेल की सप्लाई को हर दिन 30 लाख बैरल घटा देता है तो बेंचमार्क लंदन क्रूड प्राइस 190 डॉलर (15 हजार रुपये) प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। यदि हालात और बुरे रहे और रूस हर दिन 50 लाख बैरल सप्लाई घटाता है तो कच्चे तेल के भाव 380 डॉलर की ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं।

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