रोहित रोहिला, Punjab News। Punjab Assembly : पंजाब विधानसभा में केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। पंजाब सरकार 30 जून तक इस संबंध में संयुक्त प्रस्ताव लेकर आएगी। पंजाब विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने यह मुद्दा उठाया। बाजवा ने जब यह मुद्दा उठाया तो सदन में काफी हंगामा हुआ। भाजपा ने इस योजना के फायदे गिनाए तो कांग्रेस व आम आदमी पार्टी इसके विरोध में एकजुट नजर आई।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा प्रस्तावित अग्निपथ योजना का विरोध करने के लिए राज्य सरकार जल्द ही विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आएगी।
शून्य काल के दौरान विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना एनडीए सरकार का एक तर्कहीन और अनुचित कदम है जो भारतीय सेना के बुनियादी स्वरूप को नष्ट कर देगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को छोड़कर अन्य कोई भी नोटबंदी, जीएसटी, कृषि कानूनों जैसी योजनाओं की खूबियों को समझ नहीं पाया। उन्होंने कहा कि अग्निपथ भी एक ऐसा ही निराधार कदम है, जिसको कोई भी समझ नहीं सकता।
भगवंत मान ने कहा कि एक नौजवान 17 साल की उम्र के बाद सेना में भर्ती हो जाएगा और 21 साल की उम्र में सिर्फ 4 साल के बाद ही सेवामुक्त हो जाएगा। उसे इस सेवा के बदले कोई पेशन या अन्य कोई और लाभ नहीं मिलेगा।
प्रताप बाजवा ने कहा कि कुछ समय पहले तक सेनाओं में पंजाब की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत थी। वर्तमान में यह आंकड़ा 7.8 प्रतिशत है और अग्रिपथ योजना लागू होने के बाद यह आंकड़ा 2.3 प्रतिशत रह जाएगा।
बाजवा ने कहा कि सदन में इस योजना के विरोध में संयुक्त प्रस्ताव लाया जाए। केंद्र की योजना पर विरोध के चलते जब भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा बोलने के लिए खड़े हुए तो बहस शुरू हो गई। अश्वनी शर्मा ने इस योजना के लाभ सदन में गिनाने शुरू कर दिए।
इस हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के एसवाईएल गीत को यूट्यूब से बैन करने और किसान एकता मोर्चा एवं ट्रैक्टर टू ट्विटर अकाउंट बैन करने का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए। इस पर सीएम भगवंत मान ने कहा कि अगर कोई आवाज बंद की जाती है तो हम उसके खिलाफ हैं।
देश में फ्रीडम आफ स्पीच संवैधानिक अधिकार है। इस संबंध में भी प्रस्ताव लाएंगे। विधानसभा में विपक्ष के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव रखा जाएगा। जिस पर सभी दलों के नेता अपनी बात रखेंगे। इसके बाद पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा है कि पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार एरियर देगी।
पंजाब विधानसभा में बजट सत्र के दौरान विधायक डाक्टर चरणजीत सिंह ने यह मुद्दा उठाया। जिसके जवाब में वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट वर्ष 2016 में लागू हो चुकी है।
वर्तमान में पंजाब के वित्तीय हालात ऐसे नहीं है कि कर्मचारियों को एरियर दिया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार कर्मचारियों को एरियर देने से पंजाब के खजाने पर हर साल 2165 करोड़ रुपये का सालाना बोझ पड़ेगा।
इसके अलावा पेंशन भोगियों को यह सुविधा देने से 2527 करोड़ का अतिरिक्त बोझ खजाने पर पड़ेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार कर्मचारियों व पेंशन भोगियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने के लिए तैयार है। इस संबंध में बहुत जल्द मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर फैसला लिया जाएगा।
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