भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया है. ये भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे. इससे पहले जनरल बिपिन रावत इस पद पर तैनात थे, जिनकी एक दुर्घटना में मौत हो गई थी. बता दें बिपिन रावत पहले व्यक्ति थे जिन्हें इस पद के लिए चुना गया था।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि 18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन मिला था. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं. मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री (तोपखाना) डिवीजन की कमान संभाली थी. इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्वी भारत में एक कोर की कमान संभाली और फिर सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेना से रिटायर होने तक यह पदभार संभाला.
जनरल बिपिन रावत को 31 दिसंबर 2019 को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया था. वे 01 जनवरी, 2020 से 08 दिसंबर, 2021 तक अपने जीवन के आखिरी क्षणों तक यह पद संभाला. तमिलनाडु के सुलूर से वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में व्याख्यान देने जाते वक्त एक अप्रत्याशित हादसे में उनका अपनी पत्नी और एक अन्य फौजी साथियों के साथ निधन हो गया था.
1999 में हुए करगिल युद्ध के बाद जब 2001 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) ने समीक्षा की तो पाया गया कि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की कमी रही. अगर तीनों सेनाओं के बीच ठीक से तालमेल होता तो नुकसान को काफी कम कम किया जा सकता था. उस वक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS का पद बनाने का सुझाव दिया गया था, लेकिन राजनीतिक सहमति नहीं होने की वजह से यह काम पूरा नहीं हीं हो सका था.
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