इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Four Regions Of Ukraine)। यूक्रेन के चार इलाके यूक्रेन से अलग होना चाहते हैं। यह दावा रूस के सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने की है। रूस से मिलने वाले इलाकों में दोनेत्सक, लुहान्सक, जेपोरिजिया और खेरसॉन हैं। इन इलाकों में कराये गये जनमत संग्रह में इन क्षेत्रों के 96 फीसदी लोगों ने रूस में मिलने के लिए अपनी सहमति दी है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने इस मतदान प्रक्रिया को पूरी तरह से गलत बताकर खारिज कर दिया।
इन इलाकों में मौजूद रूसी अधिकारियों ने बताया कि चारों क्षेत्रों के सभी मतपत्रों की गिनती पूरी हो चुकी है। इलाके के अधिकतर लोग रूस के साथ आना चाहते हैं। मतदान लोगों के घर-घर ले जाकर करवाया गया है। मतदान के दौरान लोगों ने कहा कि हम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहेंगे कि इन इलाकों को रूस में शामिल कर लिया जाए। वहीं, रूसी संसद इन इलाकों को रूस में शामिल करने के लिए चार अक्तूबर को विचार कर सकती है।
गौरतलब है कि रूस के कब्जे वाले इलाकों में 23 से 27 सितंबर के बीच जनमत संग्रह कराया गया था। ये इलाके यूक्रेन के 15 फीसदी हिस्सा है। अब यूक्रेन की ओर से अपने ही किसी इलाके पर वापस कब्जे को पुतिन रूस पर हमले के रूप में देख सकते हैं।
जनमत में रूस के पक्ष में दोनेत्सक 99.2 फीसदी, लुहान्सक 98.4 फीसदी, जेपोरिजिया 93.1 फीसदी, खेरसॉन 87 फीसदी लोगों ने रूस के पक्ष में मतदान किया है।
रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने बताया कि जनमत संग्रह समाप्त हो गया है। परिणाम से यह स्पष्ट हो चुका है कि लोग रूस का निवासी होना चाहते हैं। इस परिणाम पर मेदवेदेव ने कहा कि रूस में आपका स्वागत है।
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन द्वारा इन क्षेत्रों में मूल रूसियों और रूसी बोलने वाले लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। यह मतदान इन लोगों का उत्पीड़न रोकने में मददगार हैं, जिसे मानने से यूक्रेन की सरकार इनकार कर रही है। हमारा मकसद इन क्षेत्रों में उन लोगों की रक्षा करना है, जो जनमत संग्रह में शामिल हुए।
यूक्रेन ने यूरोपीय संघ और नाटो देशों से और हथियार भेजे जाने की अपील की है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूस के इस झूठे जनमत संग्रह को हम नहीं मानते। रूस के खिलाफ और प्रतिबंध लगाने का समय आ गया है। हमारी मांग है कि इस लड़ाई में हमारा साथ देने के लिए हमें और हथियार मुहैया कराए जाएं। यूक्रेन ने हथियारों की मांग ऐसे समय में की है जब रूस ने अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए हाल में परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने की धमकी दी है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने वीडियो लिंक के जरिये संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आधुनिक दुनिया में कोई भी विलय (भूभाग का दूसरे देश में) एक अपराध है। पूरी दुनिया की आंखों के सामने रूस ने यूक्रेन के कब्जे वाले इलाकों में कथित जनमत संग्रह कराए हैं। लोगों से बंदूक की नोक पर जबरन कुछ दस्तावेज भरवाए गए। यूक्रेन के क्षेत्र पर कब्जा करने के रूस के प्रयासों का यह मतलब है कि रूस के राष्ट्रपति (पुतिन) के साथ बात करने के लिए कुछ भी नहीं है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देश रूस के कथित जनमत संग्रह को कभी मान्यता नहीं देंगे। वहीं, नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने जनमत संग्रह को अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के लिए 1.1 अरब डॉलर का नया हथियार पैकेज तैयार कर रहा है, जिसकी घोषणा शीघ्र की जाएगी। इसके तहत अगले दो महीनों में यूक्रेन को पहले दो उन्नत एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम दिए जाएंगे। अगले दो वर्षों में कुल छह इनकी संख्या बढ़ाकर छह कर दी जाएगी। जिससे यूक्रेन को अपने आत्मरक्षा में काफी सहूलियत मिल सकें।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका देश झूठे जनमत संग्रह के खिलाफ है और वह रूस पर नए प्रतिबंध लगाएंगे। कनाडा जनमत संग्रह के परिणामों या रूस के यूक्रेनी क्षेत्रों के अवैध कब्जे के प्रयास को कभी भी मान्यता नहीं देगा। हम उन लोगों और उन संस्थाओं के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाएंगे जो यूक्रेन की संप्रभुता को कमजोर करने के लिए नए प्रयासों में शामिल होकर अपनी मनमानी करना चाहते है।
सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी के खिलाफ सुनवाई 12 अक्टूबर तक स्थगित
ये भी पढ़ें : पीएफआई व इसके 8 सहयोगी संगठन पांच वर्ष के लिए बैन
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !