इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Radical Outfit PFI Ban): केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) व इसके आठ सहयोगी संगठनों को अगले पांच वर्ष के लिए बैन कर दिया है। इस संगठन पर टेरर फंडिंग के अलावा देश के युवाओं को आतंकी गतिविधियों व दंगे फसाद के लिए उकसाने सहित कई आरोप हैं। हाल के दिनों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन एसडीपीआई व अन्य के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी कर कई सदस्यों को गिरफ्तार किया। इसके बाद पीएफआई को सरकार ने गैरकानूनी संस्था घोषित करते हुए इस प्रतिबंध लगाया है।
Central Government declares PFI (Popular Front of India) and its associates or affiliates or fronts as an unlawful association with immediate effect, for a period of five years. pic.twitter.com/ZVuDcBw8EL
— ANI (@ANI) September 28, 2022
केंद्र सरकार ने पीएफआई के अलावा इससे जुड़े जिन संगठनों को प्रतिबंधित किया है उमनें कैंपस फ्रंट आॅफ इंडिया (सीएफआई), रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), नेशनल कॉन्फेडरेशन आॅफ ह्यूमन राइट्स आॅर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), आॅल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंस फ्रंट और जूनियर फ्रंट शामिल हैं। है। सरकार ने यह निर्णय लेकर साफ कर दिया है कि देश को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने का इरादा रखने वाले संगठन कतई बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
ईडी और एनआईए की टीमों ने गत 22 सितंबर व इसके बाद पिछले कल भी देश के कई राज्यों में पीएफआई के तमाम ठिकानों पर छापेमारी की है और इस दौरान आतंकवाद से जुड़े कई तरह के कागजात व अन्य सामग्री इनके ठिकानों से बरामद की गई है। दो दिन में करीब तीन सौ सदस्यों को छापे की कार्रवाई में गिरफ्तार अथवा हिरासत में भी लिया गया है। गिरफ्तारियों का केरल सहित कई राज्यों में विरोध भी हुआ है।
पिछले सप्ताह 22 सितंबर को एनआईए के नेतृत्व में देश के 15 राज्यों में 93 जगह छापे मारे गए थे और 106 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ व बरामद सामग्री के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश और असम में स्थानीय पुलिस व एटीसी के सहयोग से इसी सप्ताह सोमवार-मंगलवार आधी रात को एक साथ छापेमारी शुरू की जो बुधवार तक चलती है। अधिकतर जगहों पर सुबह तक पूरी कर ली गई है। इस दौरान सबसे ज्यादा 75 लोगों को कर्नाटक से हिरासत में लिया गया है।
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