इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Country’s Defense Exports)। देश के रक्षा निर्यात में गत पांच वर्षों में 334 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने दी है। भारत अब 75 से ज्यादा देशों को निर्यात कर रहा है। पीआइबी ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि दूसरे सबसे बड़े सशस्त्र बल वाला भारतीय रक्षा क्षेत्र क्रांति के मुहाने पर खड़ा है।
पीआइबी ने ट्वीट के साथ एक पोस्टर भी साझा किया है। जिसमें रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण और उत्पादन में बढ़ोतरी को दर्शाया गया है। इसमें हाल ही में नौसेना में शामिल किए गए देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत, भारतीय तटरक्षक बल में शामिल की जा रही स्वदेशी अत्याधुनिक हल्के हेलीकाप्टर एमके-3 की स्क्वाड्रन और परमाणु शक्ति संपन्न नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-पी के सफल परीक्षण की भी चर्चा है।
रक्षा सचिव अजय कुमार ने बताया था कि देश के अमृतकाल का विजन रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में शीर्ष पांच देशों में शुमार होना है। गत 75 वर्षों में भारत रक्षा उत्पादों का सबसे बड़ा आयातक रहा है और सरकार यह स्थिति बदलना चाहती है।
इससे पहले शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारतीय सेना देश पर बुरी नजर डालने वाली किसी भी ताकत को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि अब जब भारतीय सेना चीन के साथ बातचीत कर रही है, तो वह बराबरी के अधिकार के साथ ऐसा कर रही है। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश के पास एटमी प्रतिरोध की ताकत होने के कारण भारतीय सेना को आत्मरक्षा का पूरा भरोसा है। वह किसी भी तरह के कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम है।
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