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Dangerous Earthquake in Haryana Magnitude of 3.3 हरियाणा में भूकंप के झटके, लोग घरों से बाहर निकले

Harpreet Singh • LAST UPDATED : November 5, 2021, 11:37 pm IST

इंडिया न्यूज, झज्जर:
Dangerous Earthquake in Haryana Magnitude of 3.3 :
हरियाणा में आज रात 8 बजकर 15 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.3 मापी गई। हरियाणा के झज्जर में भूकंप के जोरदार झटके महसूस हुए। वहीं भूकंप का केंद्र जमीन में 5 किलोमीटर अंदर था। यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली। समाचार लिखे जाने तक भूकंप के कारण किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।

गुरुवार को गुजरात में आया था भूकंप Dangerous Earthquake in Haryana Magnitude of 3.3

आज के भूकंप से पहले गुरुवार को भी भूकंप आया था। यह भूकंप गुजरात के द्वारका में आया था। जिसकी तीव्रता 5.5 मापी गई थी। वहीं इस भूकंप में भी कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ था। यह जानकारी भी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलाजी से मिली थी। गुजरात में आए भूकंप का केंद्र द्वारका से 223 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान में था। Dangerous Earthquake in Haryana Magnitude of 3.3

लोग डरकर घरों से बाहर निकले Dangerous Earthquake in Haryana Magnitude of 3.3

भूकंप के झटके लगने से लोग भयभीत हो गए और डर के मारे घरों से बाहर निकल गए। भूकंप के कारण धरती का कांपना किसी बड़े खतरे की तरफ इशारा कर रहा है। जैसे ही हरियाणा में तेज आवाज के साथ भूकंप के झटके महसूस हुए तो लोग घरों, दुकानों से बाहर आ गए। हालांकि भूकंप के कारण किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ। लेकिन घरों में लोगों को भूकंप की कंपन और आवाज साफ तौर से महसूस की गई। सूत्रों से पता चला है कि भूकंप के कारण कई घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं।

भूकंप आने का कारण क्या है Dangerous Earthquake in Haryana Magnitude of 3.3

अक्सर आप सुनते होंगे कि भूकंप आ गया। लेकिन आपको क्या भूकंप आने का कारण पता है। भूकंप जमीन के भीतरी सतहों के नीचे चट्टानों और पत्थरों के अचानक टूटने या सरकने के कारण आता है। पत्थर सरकने से जमीन में हलचल होती है और भूकंप आता है। Dangerous Earthquake in Haryana Magnitude of 3.3

पत्थरों के सरकने से ऊर्जा निकलती है और भूकंपीय तरंगें आती हैं और धरती हिलने लगती है। भूकंप आने के काफी देर तक जमीन के अंदर चट््टाने और पत्थर हिलते रहते हैं। जब तक चट्टानें आपस में सेट नहीं हो जाती भूकंप के कारण कंपन्न होती रहती है। जहां से चट्टान के टूटने की शुरूआत होती है उसे भूकंप का केंद्र कहा जाता है।

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