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प्रशांत किशार ने चंपारण से शुरू किया जनसुराज अभियान, 3500 किमी की करेंगे पदयात्रा

Naresh Kumar • LAST UPDATED : October 2, 2022, 6:30 pm IST
  • बिहार में लिया परिवर्तन का संकल्प
  • लगभग एक से डेढ़ साल तक चलेगी मुहिम

इंडिया न्यूज, New Delhi News। Prashant Kishar: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राष्टÑपिता महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले से जनसुराज अभियान की शुरुआत कर दी। जिले भितिहारवा में गांधी आश्रम के पास स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पदयात्रा शुरू की।

बिहार के हर पंचायत और प्रखंड में पहुंचने का लक्ष्य

मिली जानकारी अनुसार इस अभियान के अंतर्गत प्रशांत किशोर 3500 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। वह इस दौरान बिहार के हर पंचायत और प्रखंड में पहुंचने का प्रयास करेंगे। अनुमान है कि इस पदयात्रा को पूरा करने में लगभग एक से डेढ़ साल तक का समय लगेगा और इस बीच वह पटना या दिल्ली नहीं लौटेंगे।

ट्विटर पर लिखा-बिहार में व्यवस्था परिवर्तन उनका दृढ़ संकल्प

पटना से पश्चिम चंपारण के लिए निकलने से पहले प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट कर लिखा कि देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य बिहार में व्यवस्था परिवर्तन उनका दृढ़ संकल्प है। पहले महत्वपूर्ण कदम के तहत वह समाज की मदद से एक नई और बेहतर राजनीतिक व्यवस्था बनाने के मकसद से अगले 12 से 15 महीनों में बिहार के शहरों, गांवों और कस्बों में 3500 किमी की पदयात्रा करेंगे।

भितिहारवा से महात्मा गांधी ने 1917 में शुरू किया था सत्याग्रह आंदोलन

पश्चिम चंपारण के भितिहारवा में महात्मा गांधी ने 1917 में अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था। यात्रा से पहले, प्रशांत किशोर नागरिक सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए बिहार के प्रत्येक जिले का दौरा कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान कहा कि राज्य के लोगों को न केवल सरकार बदलने की जरूरत है, बल्कि व्यवस्था को बदलने के लिए अच्छे लोगों के एक साथ उन्हें आने की आवश्यकता है।

यह हैं यात्रा के 3 मुख्य लक्ष्य

उन्होंने कहा कि यात्रा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं, जिसमें जमीनी स्तर पर सही लोगों की पहचान करना और उन्हें एक लोकतांत्रिक मंच पर लाना इसमें शामिल है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के विचारों को शामिल करके राज्य के लिए एक विजन दस्तावेज बनाने का भी काम करेगा।

नीतीश के साथ काम करने से इनकार

वहीं इसके अलावा प्रशांत किशोर 2018 में जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) में शामिल हुए थे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सार्वजनिक आलोचना करने पर 2020 में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

खासकर जब नीतीश ने संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन किया था तब प्रशांत किशोर ने उनकी आलोचना की थी। प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि नीतीश कुमार ने उन्हें पहले दिल्ली और फिर पटना में मिलकर दोबारा साथ काम करने का आफर दिया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

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