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केरल में फार्मों में मारे जा रहे सुअर, कुछ फार्मरों ने सहयोग तो कुछ ने किया विरोध, जानें क्या है मामला?

Naresh Kumar • LAST UPDATED : July 24, 2022, 11:14 pm IST

इंडिया न्यूज, Wayanad News (केरल)। African Swine Fever : इन दिनों केरल के वायनाड जिले में अफ्रीकी स्वाइन बुखार फैल रहा है। वहीं स्थिति पर काबू पाने के लिए सरकार की ओर से सुअरों को मारने का फैसला लिया है। यही नहीं सुअरों को मारने की यह प्रक्रिया रविवार को शुरू भी कर दी गई है। वहीं सरकार के इस फैसले का कुछ किसानों ने विरोध भी किया है।

कार्रवाई में कुछ किसानों ने किया सहयोग

बता दें कि जिले में हाल ही में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के कुछ मामले सामने आए हैं। मानंतवाड़ी की उप कलेक्टर ने कहा कि किसान भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु अनुसंधान संस्थान से मिली जांच रिपोर्ट दिखाने पर सुअरों को मारने की प्रक्रिया में सहयोग करने को राजी हो गए हैं।

दिया जाएगा हर्जाना, प्रक्रिया की जाएगी तेज

मानंतवाड़ी के एक फार्म से बीमारी के 2 मामले मिले थे। जिनके सैंपल भोपाल स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे। उप कलेक्टर ने कहा कि प्रभावित एक किसान के पास 360 सुअर थे।

उन्हें बताया गया है कि बीमारी को अन्य इलाकों या फार्म में फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकाल के मुताबिक, सुअरों को मारा जा रहा है और वह इस प्रक्रिया में सहयोग करने को लेकर सहमत हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रभावित किसानों को हर्जाना देने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।

इस बुखार से एक फार्म के सभी सुअर मरे

अधिकारी ने कहा कि वायनाड जिले के मानंतवाड़ी इलाके के दो फार्म में सुअर अफ्रीकी स्वाइन बुखार से संक्रमित पाए गए थे और एक फार्म के सभी पशुओं की इस बुखार से मौत हो गई थी।

एक किसान ने किया विरोध

वहीं अधिकारियों से मिली जानकारी अनुसार एक अन्य फार्म में रविवार को पशुओं को मारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और यह एक हफ्ते में पूरी हो जाएगी। एक प्रभावित किसान ने टीवी चैनल से कहा कि वह नहीं मानते हैं कि उनके फार्म के पशु इस बुखार से संक्रमित थे। सरकार को सुअरों को मारने पर फैसला करने के लिए कुछ दिन इंतजार करना चाहिए।

पशुपालन मंत्री जेसी रानी ने की बीमारी की पुष्टि

केरल की पशुपालन मंत्री जेसी रानी ने राज्य में इस बीमारी के मामले मिलने की शुक्रवार को पुष्टि की थी और सुअर फार्मरों को निर्देश दिया था कि वे स्वाइन बुखार कार्रवाई योजना के तहत जैव सुरक्षा और अपशिष्ट निपटान तंत्र को सख्ती से लागू करें। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, अफ्रीकी स्वाइन बुखार सुअरों की एक अत्यधिक संक्रामक और घातक संक्रामक बीमारी है।

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