दिल्ली (Patiala House Court grants bail to Shankar Mishra in Air India urination Case): दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शंकर मिश्रा को जमानत दे दी। मिश्रा पर नवंबर में एयर इंडिया की न्यूयॉर्क -दिल्ली उड़ान में एक महिला यात्री पर पेशाब करने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरज्योत सिंह भल्ला ने सोमवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे आज सुनाया गया। मिश्रा को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा किया गया है।
शंकर मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने 7 जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनकी रिमांड मांगी इसके बाद अदालत ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मिश्रा ने 11 जनवरी को भी जमानत याचिका लगाई थी जिसे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोमल गर्ग ने खारिज कर दिया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में है।
Patiala House Court grants bail to Shankar Mishra, accused of allegedly urinating on a woman on board an Air India flight from New York to New Delhi on November 26 last year. He was arrested by the Delhi Police on January 6. pic.twitter.com/mrxrYZt3fo
— ANI (@ANI) January 31, 2023
शंकर मिश्रा पर आरोप है कि पिछले साल 26 नवंबर को न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान में 70 वर्षीय एक महिला के ऊपर नशे में धुत होकर उसने पेशाब किया था। पीड़ित महिला ने टाटा समूह के चेयरपर्सन को पत्र को लिखा था, पत्र सार्वजनिक होने के बाद यह घटना मीडिया में आई। मिश्रा अमेरिका की वेल्स फारगो कंपनी में काम करता था। घटना सामने आने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया। जमानत की सुनवाई के दौरान , दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया था कि मिश्रा शुरू में फरार हो गया और अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए और आखिरकार उसे IMEI नंबर के जरिए उसका पता लगाया गया।
जमानत की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील ने तर्क दिया कि इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को शर्मिंदा किया है। उन्होंने कहा “इंडिया की इंटरनेशनल बेइज़्ज़ती हो गयी है सर”। मिश्रा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और चालक दल के सदस्यों और अन्य गवाहों से भी पूछताछ की गई है। दलीलें सुनते हुए, न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी ने जो कथित रूप से किया है वह घिनौना है, अदालत केवल कानून का पालन करेगी। उन्होंने यह भी टिप्पणी की शिकायतकर्ता और मुख्य गवाहों में से एक द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच विरोधाभास है।