होम / Black Magic : जाने क्या है काला जादू और इसके जरिए होने वाले अपराधों को रोकने के लिए कानून

Black Magic : जाने क्या है काला जादू और इसके जरिए होने वाले अपराधों को रोकने के लिए कानून

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : October 12, 2022, 12:32 pm IST

काला जादू कोई वैज्ञानिक अवधारणा नहीं है। लेकिन इसके बावजूद यह पूरी दुनिया में प्रचलित है और यह एक ऐसी धारणा है जिसमें तंत्र को प्रमुखता दी जाती है। यानी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ तंत्र साधना के जरिए अपनी इच्छाओं की लोग पूर्ति करने की कोशिश करते हैं। झारखंड, छत्तीसगढ़, असम,बिहार, राजस्थान,महाराष्ट्र, उड़ीसा सहित देश के अन्य राज्यों में काला जादू और उससे होने वाली हत्याओं का मामले सामने आते रहते हैं। किसी को डायन, चुड़ैल,टोनही बताकर उसकी हत्या भी इसी का हिस्सा है। झारखंड में डायन बताकर किसी कमजोर महिला की हत्या के ऐसे कई मामले सामने आए हैं। लेकिन केरल में मानव बलि की घटना सुर्खियों मे है, जहां दो महिलाओं को अगवा कर मार दिया गया. पहले इन दोनों महिलाओं का कथित तौर पर अपहरण किया गया फिर उनकी हत्या कर उन्हें दफना दिया गया और यह सब कुछ आर्थिक संपन्नता हासिल करने के लिए ‘जादू टोना’ के तहत किया गया। आज हम आपको ऐसे कानून के बारे में बताने जा रहे हैं जो काला जादू के जरिए होने वाले अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं।

कानून काला जादू के खिलाफ

काला जादू के नाम पर किसी भी नागरिक के प्रति किया गया अपराध, उसके मूल अधिकार का उल्लंघन होता है। जो कि सीधे संविधान के अनुच्छेद 14,15 और 21 का उल्लंघन करता है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून-1948, सिविल एंव राजनैतिक अधिकारों की अन्‍तराष्‍ट्रीय प्रसंविदा कानून-1966 सहित दूसरे कानून का उल्लंघन करता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार विच हंट के तहत हुई हत्या को अपराध की कैटेगरी में शामिल किया जाता है। हालांकि अगर किसी व्यक्ति की हत्या नहीं हुई है, तो यह उस कैटेगरी में नही आता है।

इन राज्यों ने अलग से बनाए हैं कानून

भारत में काला जादू से होने वाले अपराध को रोकने के लिए सबसे पहले बिहार में कानून लाया गया। साल 1999 में राज्य में डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 1999 कानून लागू किया गया। इसके तहत यदि कोई भी व्यक्ति किसी औरत को डायन के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना, जान-बूझकर देता है या प्रताड़ित करता है, तो उसे 6 महीने तक की अवधि के लिए कारावास की सजा या दो हजार रुपये का जुर्माने अथवा दोनों सजाओं से दंडित किया जाएगा।

इसी तरह झारखंड में साल 2001 में झारखंड राज्य डायन प्रथा प्रतिषेध कानून लागू किया गया। इसके अलावा साल 2005 में छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम लागू किया गया है। इसी तरह राजस्थान, महाराष्ट्र, असम, उड़ीसा और कर्नाटक में कानून लागू है।

हालांकि केंद्रीय स्तर पर अभी कोई कानून नहीं पारित हुआ है। लेकिन साल 2016 में सहारनपुर से सांसद रहे राघव लखन पाल ने द प्रिवेंशन ऑफ विच हंटिंग बिल 2016 को लोक सभा में पेश किया था।

ये भी पढ़ें – आर्थिक समृद्धि के लिए केरल में 2 महिलाओं की दे दी गई बलि

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Amit Shah: मोदी सरकार पाकिस्तान के परमाणु बमों से नहीं डरती…, अमित शाह ने झांसी में भरा हुंकार- Indianews
Ghaziabad fire: अप हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में जनरेटर विस्फोट से लगी आग, 4 फ्लैट जलकर हुए राख- Indianews
IMD alert: IMD ने जारी किया रेड अलर्ट, दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी- Indianews
Narasimha Jayanti 2024: इस दिन मनाई जाएगी नरसिंह जयंती, जान लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि -Indianews
Dental Care Tips: दांतों को सुरझित रखने के लिए इन फूड आइटम्स का ना करें इस्तेमाल, वरना हो सकते हैं यह नुकसान -Indianews
Virat Kohli: कोहली के अजब-गजब शॉट्स खेलने पर कोच राजकुमार शर्मा ने किया बड़ा खुलासा, जानें क्या कहा-Indianews
Skin Care Tips: अगर आप में भी हैं ये 6 ब्यूटी हैबिट्स, तो स्किन को हो सकते हैं बड़े नुकसान, ऐसे करें बदलाव -Indianews
ADVERTISEMENT