इंडिया न्यूज, तिरुवनंतपुरम:
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है भारत-चीन सीमा विवाद के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने हमने हमेशा विदेश नीति में सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता दी है। पिछले दो वर्ष में हम यह सुनिश्चित करने में बहुत प्रभावी व स्पष्ट रहे हैं कि एलएसी पर एकतरफा यथास्थिति बदलने की हमारी ओर से कोई कोशिश नहीं की गई।
विदेश मंत्री ने एक बार फिर कहा कि चीन ने वर्ष 1962 में कई क्षेत्रों पर अपना कब्जा कर लिया था, जो लद्दाख सहित रणनीतिक है और सीमा प्रहरियोंं के लिए ये चुनौतियां पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिकों और सैन्य कमांडरों को शामिल करके चर्चा के जरिये से सीमा के मसलों के समाधान के लिए वार्ता जारी है।
इंडोनेशिया के बाली में हाल ही में आयोजित जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों के एक सम्मेलन के इतर एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान सीमा मुद्दे के जल्द समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की सैन्य वार्ता की प्रतीक्षा करने पर सहमति बनी है।
पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में चीनी सेना की कार्रवाई को लेकर वर्ष 2020 में भारतीय और चीनी सेना के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़ी झड़प हो गई थी और उसके बाद से दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध के समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच कई दौर की सैन्य व कूटनीतिक बातचीत हो चुकी है। 15 और 16 जून की रात को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीनी सेना की कार्रवाई को लेकर गतिरोध के बाद पूर्वी लद्दाख में पर झड़प हुई।
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