इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर सेना, आईटीबीपी, पुलिस व अन्य सुरक्षा बल के जवानों ने भी अलग-अलग तरीके से ध्वजारोहण किया। इस बार देश को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे हुए और इसी उपलक्ष्य में केंद्र के निर्देश पर देश पिछले कई महीनों से आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था। इसी कड़ी में 13 अगस्त से हर घर तिरंगा अभियाना शुरू किया गया और इसके तहत देश के कोने-कोने में हर घर में तिरंगा लहरता दिखा। वहीं आईटीबीपी के हिमवीरों ने इस अवसर पर अपनी 75 सीमा चौकियों के पास तिरंगा फहराकर अनूठा रिकॉर्ड कायम किया।
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आईटीबीपी ने 15 अगस्त पर आयोजित समारोह को ‘अमृतारोहण’ अभियान नाम दिया था। बल के जवानों ने आज सुबह सात बजे एक साथ 75 चोटियों पर तिरंगा फहराया। इनमें पांच चोटियां अरुणाचल प्रदेश में,
16 चोटियां उत्तराखंड में, 10 चोटियां हिमाचल में 11 चोटियां सिक्किम में और 33 चोटियां लद्दाख में हैं। 75 चोटियों में सबसे ऊंची चोटी 18,800 फीट पर सिक्किम में स्थित है। वैसे भी पर्वतारोहण के मामले में आईटीबीपी का विशेष कीर्तिमान है।
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आईटीबीपी स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत-चीन बॉर्डर पर एक 75 दिवसीय रिले लॉन्ग रेंज पेट्रोल ‘अमृत’ भी आयोजित कर रहा है। यह कार्यक्रम गत एक अगस्त को लद्दाख में काराकोरम के समीप से आरंभ किया गया था और 75 दिन तक चलेगा। आगामी 14 अक्टूबर, को यह अरुणाचल के ‘जाचेप ला’ में संपन्न होगा। इस बीच करीब 7,575 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी।
इसके अलावा बल ने लद्दाख से अरुणाचल तक अपनी सभी सीमा चौकियों, केंद्रों व अन्य संबंधित संस्थाओं में तिरंगा फहराया। इस तरह आईटीबीपी के जवानों ने पूरे जोश व उत्साह के साथ आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई। हर घर तिरंगा की थीम के साथ इस अवसर पर कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिनमें सीमा के आसपास रहने वाले आम नागरिक भी शामिल हुए।
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आईटीबीपी साहसिक खेलों में भी शीर्ष पर है। बल के 20 पदाधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस पर इस बार पुलिस पदक प्रदान करने का ऐलान किया गया। इनमें से छह जवानों को वीरता के लिए, तीन पदाधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 11 को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिए जाने की घोषणा की गई है। आईटीबीपी की स्थापना 1962 में की गई है। इस बल की जिम्मेदारी 3488 किमी लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करना है। जवान विषम भौगोलिक व हर तरह की मौसमी परिस्थितियों में देश की सुरक्षा में तैनात रहते हैं।
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