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जानें क्या है झारखण्ड में अवैध खनन घोटाला, जिसको लेकर ईडी ने आज 20 जगहों पर छापेमारी की है

Roshan Kumar • LAST UPDATED : November 2, 2022, 5:06 pm IST

इंडिया न्यूज़ (रांची, jharkhand illegal mining case): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज झारखण्ड और बिहार में 20 जगहों पर छापेमारी की है। झारखण्ड में अवैध खनन और रंगदारी के मामले में ईडी ने यह छापेमारी की। प्रेम प्रकाश नाम के व्यक्ति के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। प्रेम प्रकाश के झारखण्ड में बड़े नेताओं से सम्बन्ध बताएं जाते है.

झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से पूछताछ में ईडी को इन ठिकानों का पता चला था, इन छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखण्ड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा की “झारखंड में दलालों के सरग़ना प्रेम प्रकाश जी के 20 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी, काफ़ी सरकारी लेन देन की जानकारी। मैंने कहा है कि अगस्त नहीं पार होगा।”

क्या है झरखंड में अवैध खनन घोटाला

झारखण्ड के खूंटी जिले में मनरेगा के कामों में 18.06 करोड़ रुपये का घोटाला अप्रैल 2008 से मार्च 2011 के बीच हुआ था है। झारखण्ड की निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल खूंटी में फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच उपायुक्त थीं। उनके उपायुक्त रहते हुए खूंटी में यह घोटाला हुआ था।

राज्य विधानसभा में मामला उठाए जाने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच करवाई थी, खूंटी जिला परिषद् के तत्कालीन कनीय अभियंता (जेई) राम विनोद प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार जैन, कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी व खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। तब पूजा सिंघल को क्लीन चीट दे दी गई थी.

इसी तरह चतरा में 2007-08 के दौरान मनरेगा के फंड में गड़बड़ी का मामला सामने आया। दो एनजीओ को छह करोड़ रुपये देने में अनियमितताएं सामने आई थी। इसके बाद झारखण्ड के पलामू जिले के कठौटिया माइंस में खनन के लिए 83 एकड़ जमीन एक निजी कंपनी को दी गई थी, आरोप लगा की इस कंपनी को गलत तरीके से वन भूमि दी गई। इन दोनों मामलों के समय पूजा सिंघल जिला कलेक्टर थीं.

illegal mining scam
झारखण्ड में बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता है.

इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार दुबे द्वारा झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई, झारखण्ड उच्च न्यायालय में न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सीबीआई को घोटाले की जांच करने के साथ-साथ पिछले एक दशक से लंबित मामलों की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया।

इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला आने के बाद, ईडी ने इस मामले में केस दर्ज किया, खूंटी, चतरा और पलामू तीनों गड़बड़ियों में ईडी ने केस दर्ज किया, ईडी से पूछताछ में डिप्टी इंजीनियर राम बिनोद कुमार सिन्हा ने कबूल किया कि वह पूजा सिंघल को कमीशन की राशि देता था.

इसी साल 6 मई को पूजा सिंघल और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक झा के पास से करीब 20 करोड़ नकद बरामद किया गया था, तब पूजा सिंघल झारखण्ड की खान एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव एवं झारखण्ड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक थी।

ईडी को करीब 100 करोड़ के अवैध खनन घोटाले का पता चला, ईडी ने कहा कि तलाशी और विभिन्न व्यक्तियों के बयानों के बाद एकत्र किए गए सबूतों सहित जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों से पता चला है कि जब्त नकदी का बड़ा हिस्सा अवैध खनन से प्राप्त हुआ था और वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं से संबंधित था। ईडी ने झारखण्ड उच्च न्यायालय में दायर अपने शपथपत्र में कहा था की वह पूजा सिंघल के पूरे कार्यकाल की जांच करेगा.

हेमंत सोरेन के करीबियों पर हुई है कार्रवाई

अवैध खनन मामले में आठ जुलाई को ईडी ने झारखण्ड के साहेबगंज जिले के 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी, इस दौरान पंकज मिश्रा, दाहू यादव और उनके सहयोगियों के यहाँ से 5.34 करोड़ रुपये नगद और करीब 50 बैंक खातों में पड़े 13.32 करोड़ रुपये भी जब्त किए गए थे, इसके बाद 19 जुलाई को पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया, पंकज मिश्रा झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि है.

26 जुलाई को कार्रवाई करते हुए ईडी ने साहेबगंज जिले में एक मालवाहक जहाज भी जब्त किया था, इसकी कीमत करीब 30 करोड़ रुपये है, यह जहाज राजेश यादव उर्फ़ दाहू यादव द्वारा संचालित किया जा रहा था, ईडी के अधिकारियो द्वारा कहा गया की यह जहाज साहेबगंज के सुकरगढ़ घाट पर अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था, इसका इस्तेमाल अवैध खनन के पत्थर ले जाने के लिए किया जा रहा था.

अवैध खनन मामले में हेमंत सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषके प्रसाद उर्फ़ पिंटू और हेमंत सोरेन के करीबी रवि केजरीवाल से भी पूछताछ हो चुकी है.

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