इंडिया न्यूज, New Delhi News। LocalCircles Survey Report : दिल्ली और आसपास के इलाकों से कोरोना वायरस अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। एक तरफ जहां वायरल बुखार और फ्लू ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों को परेशान किया हुआ है वहीं एक बार फिर से कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है। पिछले 30 दिनों में 10 में से 8 घरों को कोरोना और वायरल बुखार/फ्लू अपनी चपेट में ले चुका हैं।
हालांकि हर साल मानसून सीजन में वायरल बुखार, खांसी-जुकाम के केस मिला आम बात है, लेकिन सर्वे बताता है कि ये काफी तेजी और बड़ी संख्या में बढ़ रहे हैं जो चिंता बढ़ाता है। बता दें कि किए गए एक सर्वे के अनुसार बीते साल दिल्ली-एनसीआर के 41 प्रतिशत घर वायरल की चपेट में आए थे, वहीं इस साल जुलाई से अगस्त के बीच 82 प्रतिशत घर में लोगों की तबीयत ठीक नहीं है। ऐसे मामलों में वृद्धि के पीछे कोविड भी बड़ी वजह है।
बता दें कि LocalCircles नाम के प्लेटफॉर्म ने इसकी जानकारी जुटाने के लिए एक सर्वे किया है। सर्वे की माने तो 10 में से 8 घर के लोगों ने माना कि उनके परिवार के एक या उससे ज्यादा लोगों को कोविड जैसे लक्षण रह चुके हैं। जिसमें बुखार, नाक बहना, थकान आदि शामिल है।
वहीं सर्वे रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर लोगों ने होम किट की मदद से पता किया कि उनको कोविड है या फिर वायरल फीवर। हालांकि, दोनों में से किसी का भी होना चिंता बढ़ाता है। क्योंकि इसका परिवार के दूसरे सदस्यों में फैलने का खतरा बना ही रहता है। खासकर बच्चों या फिर जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है उनको खतरा ज्यादा रहता है।
आपको बता दें कि LocalCircles ने यह सर्वे दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के लोगों के बीच जाकर किया है। इसमें 11 हजार लोगों को शामिल किया गया था। इसमें 63 प्रतिशत पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल की गई थीं।
वहीं एक बार फिर से दिल्ली में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड संक्रमण दर करीब 20 प्रतिशत हो गई है। वहीं अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। बीते 17 दिनों में 87 लोगों की कोविड की वजह से मौत भी हो चुकी है। खतरे को देखते हुए 149 कंटेनमेंट जोन बढ़ाए गए हैं।
मिली जानकारी अनुसार कोविड केसों के बढ़ने के पीछे ओमिक्रोन BA.2.75 के नए रूप को वजह माना जा रहा है। इसी की वजह से फिर से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में उछाल भी आया है। फिलहाल, डॉक्टर सावधानी बरतने पर जोर दे रहे हैं।
वहीं सरकार का कहना है कि जल्द से जल्द बूस्टर डोज लगवाकर इससे बचा जा सकता है। दिल्ली से ही जुड़ा इसका एक आंकड़ा भी सामने आया था। पता चला था कि हॉस्पिटलाइज हो रहे 90 प्रतिशत मरीजों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाई थी।