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बिहार के औरंगाबाद से 162 आईईडी बरामद, नक्सलियों ने छुपा रखा था

Roshan Kumar • LAST UPDATED : January 28, 2023, 2:18 pm IST

पटना (162 IEDs recovered in naxal-affected Aurangabad district in Bihar): बिहार के माओवाद प्रभावित औरंगाबाद से एक संयुक्त अभियान में, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और बिहार पुलिस ने 162 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) और अन्य उपकरण जब्त किए हैं। सीआरपीएफ ने एक बयान में कहा, “गैरकानूनी माओवादियों के खिलाफ सीआरपीएफ और बिहार पुलिस द्वारा चलाए जा रहे सघन अभियान से राज्य सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है। उन इलाकों में अभियान जारी है, जिन्हें पहले माओवादियों का गढ़ माना जाता था। माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी को नष्ट करने और हथियार और गोला-बारूद बरामद करने के लिए जिन्हें उन्होंने जल्दबाजी में भागते समय छिपा कर रखा होगा।”

बयान में आगे कहा गया है, “27 जनवरी को औरंगाबाद के लडुइया पहाड़ इलाके में सीआरपीएफ और बिहार पुलिस द्वारा चलाए गए ऐसे ही एक सर्च एंड डिस्ट्रक्शन ऑपरेशन में शुरुआत में 13 प्रेशर आईईडी का पता चला था। सैनिकों ने आईईडी को उसी स्थान पर नष्ट कर दिया और ऑपरेशन जारी रखा। जब वे एक गुफा के पास पहुंचे और गुफा को सावधानीपूर्वक स्कैन किया तो लगभग एक किलोग्राम वजन के 149 आईईडी बरामद किए गए। सैनिकों ने निर्धारित सुरक्षा सावधानियों का पालन करते हुए आईईडी को नष्ट कर दिया।”

लगातार घट रहा नक्सलियों का प्रभाव

देश में नक्सलियों का प्रभाव लगातार कम होता जा रहा है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार 2013 में नक्सली हिंसा की 1,136 घटनाएं हुईं थी जबकि 2021 में ये घटते-घटते 509 तक रह गईं। 2013 में नक्सलियों का प्रभाव 10 राज्यों के 76 जिलों के 330 पुलिस स्टेशनों में फैला हुआ था। 2021 में आठ राज्यों के 46 जिलों के 191 पुलिस थानों में नक्सली हमलों के मामले दर्ज किए गए। 90 प्रतिशत घटनाएं 25 जिलों में घटी थी। बिहार के ADG मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने 16 जनवरी को एक बयान देकर कहा था कि कहा कि पहले नक्सलियों का प्रभाव बिहार के 15 जिलों में था। लेकिन, वर्तमान में इनका प्रभाव राज्य के 10 जिलों में सिमट कर रह गया है।

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