DRDO ने साइलेंट किलर HSTDV हथियार का किया टेस्ट, जानें इसकी खूबियां

(दिल्ली) : डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने शुक्रवार को हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का टेस्ट किया। बता दें,ओडिशा कोस्ट के कलाम द्वीप के पास से इस साइलेंट किलर हथियार का टेस्ट किया गया। इसकी जानकारी डिफेंस सोर्स के हवाले से सामने आ रही है। परिक्षण सफल हुआ या नहीं फिलहाल इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

मालूम हो, HSTDV एक मानव रहित विमान है, जो हाइपरसोनिक गति (ध्वनि से पांच गुना अधिक) गति से यात्रा कर सकता है। इस विमान में हाइपरसोनिक एयर-ब्रीदिंग स्क्रैमजेट तकनीक का उपयोग किया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि यह विमान साउंड से पांच-छह गुना अधिक गति से उड़ान भर सकता है। बता दें, डीआरडीओ ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर व्हीकल को पहली बार साल 2019 में परिक्षण किया था।

DRDO ने किया HSTDV का परिक्षण

बता दें, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने साल 2010 की शुरुआत में HSTDV इंजन के विकास पर काम करना शुरू किया था। भारतीय ISRO ने भी इस प्रौद्योगिकी के विकास पर काम किया है और उसने साल 2016 में इससे संबंधित एक प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत इस तकनीक को विकसित करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।

साल 2008 में डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख वी के सारस्वत ने कहा था कि एचएसटीडीवी प्रोजेक्ट का उद्देश्य 15 किमी से 20 किमी की ऊंचाई पर स्क्रैम-जेट इंजन के प्रदर्शन को प्रदर्शित करना था। मालूम हो, स्क्रैम-जेट इंजन के साथ एचएसटीडीवी 7408.8 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।

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