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कोई मजदूर की बेटी,तो कोई छोटे से गांव की है शान… ये हैं वर्ल्ड कप जीताने वाली टीम इंडिया योद्धा

Priyambada Yadav • LAST UPDATED : January 30, 2023, 2:03 pm IST

इंडिया न्यूज़,दिल्ली (Women’s U19 WC): विवार को साउथ अफ्रीका के पोचेफस्ट्रूम में हुए आईसीसी अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हरा दिया है। यह सीरीज जीत के बाद ही भारतीय महिला टीम का वर्ल्ड कप खिताब जीतने का सपना पूरा हो गया है। आईसीसी अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम करने वाली टीम इंडिया ने इस पूरे टूर्नामेंट काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं इन 15 खिलाड़ियों के बारे में जो इस चैम्पियन टीम का पार्ट रहीं।

शेफाली वर्मा

लड़कों के साथ प्रैक्टिस करते हुए क्रिकेट खेलना सीखने के बाद वीरेंद्र सहवाग की तरह खतरनाक बैटिंग करने वाली रोहतक की शेफाली वर्मा, मात्र 15 साल की उम्र में ही सीनियर टीम के मे डेब्यू कर लिया था। इसके साथ ही इस पूरे टूर्नामेंट में भी शेफाली ने गेंद और बल्ले से शानदार प्रर्दशन किया है।

श्वेता सहरावत

इस पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली उप-कप्तान और बल्लेबाज श्वेता सेहरावत दिल्ली की रहने वाली है, श्वेता  ने अपने क्रिकेट के शुरुआती दिनों में अपनी बैटिंग में आक्रामकता लाने के लिए लगभग चार साल तक लड़कों के संग प्रैक्टिस की है। श्वेता ने सात मुकाबलों में 99 की अद्भुत औसत से 297 रन बनाए है।

सौम्या तिवारी

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली बड़ी फैन और टीममेट द्वारा विराट कही जाने वाली, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पैदा हुईं सौम्या तिवारी फाइनल मुकाबले में नाबाद 24 रनों की उपयोगी पारी खेली है।

गोंगाडी त्रिशा

तेलंगाना के बद्राचलम में पैदा हुई गोंगाडी त्रिशा ने फाइनल मुकाबले में उपयोगी 24 रन बनाए है। गोंगाडी त्रिशा को क्रिकेटर बनाने के लिए त्रिशा के पिता ने अपनी बेटी के लिए जॉब छोड़  हैदराबाद शिफ्ट हो गए थे।

ऋचा घोष

सिलीगुड़ी की रहने वाली बड़े शॉट्स खेलने में महारत हासिल करने वाली विकेटकीपर और बल्लेबाज ऋचा घोष 16 साल की उम्र में ही सीनियर टीम में अपनी जगह बना ली थी।इसके साथ ही ऋचा ने भारत की ओर से वूमेन्स ओडीआई में सबसे तेज फिफ्टी जड़ने का रिकॉर्ड दर्ज है।

हर्षिता बसु

मैदान पर काफी एक्टिव रहने वाली हावड़ा में पैदा हुई हर्षिता बसु ऋचा की तरह ही एक विकेटकीपर हैं ​​और वह निचले क्रम में आकर तेजी से रन स्कोर करने की क्षमता रखती हैं।

टिटास साधु

पश्चिम बंगाल में जन्म लेने वाली और दिग्गज गेंदबाज झूलन गोस्वामी की तरह ही गेंद को स्विंग और बाउंस कराने की काबिलियत रखने वाली टिटास साधु को फाइनल में दो विकेट चटकाकर प्लेयर ऑफ द मैच बनी है।इसके साथ ही टिटास साधु को भारतीय टीम का भविष्य कहा जा रहा

मन्नत कश्यप

पटियाला में पैदा हुईं बाएं हाथ की ऑलराउंडर मन्नत कश्यप 6 मैचों में 10.33 के एवरेज से 9 विकेट चटकाए है। मन्नत  बचपन में ज्यादातर क्रिकेट लड़कों के साथ खेल कर बड़ी हुई है।

अर्चना देवी

18 साल की अर्चना देवी का क्रिकेटिंग जर्नी इतना आसान भरा सफर नहीं रहा है, पिता और भाई के दुनिया छोड़ने के बाद मां ने दूसरे के खेतों में मजदूरी कर अर्चना को क्रिकेटर बनाया है।अर्चना ने सभी सात मैचों में भाग लिया और आठ विकेट हासिल किए है।

पार्श्वी चोपड़ा

इस पूरे टूर्नामेंट मे भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली दाएं हाथ की लेग स्पिनर पार्श्वी चोपड़ा शुरुआती दिनों मे  स्केटिंग करना चाहती थीं लेकिन पिता के कहने पर क्रिकेटर बननी।

सोनम यादव

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की रहने वाली बाएं हाथ की स्पिनर सोनम यादव अपनी गति में मिश्रण कर बल्लेबाजों को छकाने में महारत हासिल कर रखी है। बता दें सोनम के पिता एक मजदूर हैं।

सोपदांधी यशश्री

दाएं हाथ की मीडियम पेसर सोपदांधी यशश्री हर्ले गाला के चोटिल होने के बाद स्क्वॉड में शामिल किया गया था, जिससे सोपदांधी यशश्री को इस पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ एक ही मुकाबला स्कॉटलैंड के खिलाफ खेला है।

फलक नाज

प्रयागराज की रहने वाली फास्ट बॉलर फलक नाज बाकी टीम के तेज गेंदबाजों जितनी लंबी तो नहीं, लेकिन फलक की लेंथ और लाइन सटीक रहती है जिसके वो विकेट चटकाने में कामयाब रहती हैं। लेकिन इस टूर्नामेंट में फलक एक भी मुकाबला नहीं खेल पाईं है।

शबनम एमडी

आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टम में पैदा हुईं शबनम एमडी शानदार रनअप और दाएं हाथ की तेज गेंदबाज हाई-आर्म एक्शन के साथ गेंद फेंकती हैं। इसके साथ ही शबनम इस टूर्नामेंट में सिर्फ दो मैच खेलने का मौका मिला था।

सोनिया मेंधिया

टी20 वर्ल्ड कप में कुल चार मैच खेलने वाली सोनिया मेंधिया एक ऑफ स्पिनर और दाएं हाथ की बल्लेबाज हैं। इसके साथ ही सोनिया निचले मध्य क्रम में अच्छे स्ट्राइक-रेट के साथ बल्लेबाजी करती हैं।

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