इंडिया न्यूज़ (दिल्ली):देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने चारो लोगो को राज्यसभा के लिए नामित किया है ,इसमें मशहूर धावक पीटी उषा,संगीत रचियता इलैयाराजा ,वीरेंद्र हेगड़े और विजेंद्र प्रसाद को राज्यसभा सांसद के रूप के नामित किया है,आइये जानते है इन लोगो के बारे में.
पी टी उषा -पी टी उषा देश दुनिया का एक जाना माना नाम है, पी टी एक महान एथलीट थी,जिन्होंने 1979 से लगभग दो दशकों तक भारत को अपनी प्रतिभा के चलते सम्मान दिलाया था. इस तेज दौड़ने वाली लड़की का कोई मुकाबला नहीं थी, आज भी अगर सबसे तेज दौड़ने वाले इन्सान का नाम पुछा जाता है, तो बच्चा बच्चा पी टी उषा का ही नाम लेता है,अपने असाधारण प्रदर्शन के चलते उषा को ‘क्वीन ऑफ़ इंडियन ट्रैक’ एवं ‘पय्योली एक्सप्रेस’ नाम का ख़िताब दिया गया है. पी टी उषा आज केरल में एथलीट स्कूल चलाती है, जहाँ वे अपनी प्रतिभा का ज्ञान दूसरों बच्चों को भी देती है.
इलैयाराजा- पांच दशकों से अधिक लंबे के करियर में इलैयाराजा ने 1000 से अधिक फिल्मों के लिए 7000 से अधिक गीतों की रचना की,दुनिया भर में 20000 से अधिक संगीत कार्यक्रम कर चुके इलैयाराजा की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नवंबर 2021 में अमेरिका के मशहूर टाइम स्क्वायर पर इलैयाराजा की तस्वीर दिखाई गई थी,पद्म विभूषण के अलावा कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदाने के लिए इलैयाराजा को 2010 में पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है,उपलब्धियों से भरे करियर में इलैयाराजा को पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के अलावा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
डॉ. वीरेंद्र हेगडे़- डॉ. वीरेंद्र हेगडे़ का जन्म 25 नवंबर 1948 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ स्थित बंटवाल तालुक में हुआ था, वे धर्माधिकारी रत्नवर्मा हेगड़े के बड़े बेटे हैं, वीरेंद्र हेगड़े दक्षिण कन्नड़ में स्थित श्री धर्मस्थल मंजुनाथ स्वामी मंदिर के अनुवांशिक ट्रस्टी हैं,जैन समुदाय से होते हुए भी उनका परिवार कई हिंदू समुदाय के मंदिरों का भी ट्रस्टी है। वीरेंद्र हेगड़े दिगंबर जैन समुदाय से आते हैं.
केवी विजयेंद्र प्रसाद- केवी विजयेंद्र प्रसाद हिंदी सिनेमा के महान राइटर्स में से एक हैं, केवी विजयेंद्र प्रसाद मशहूर साउथ फिल्म डायरेक्टर एसएस राजामौली के पिता है, इसके अलावा विजययेंद्र का सुपरहिट फिल्मों की कहानियां भी लिख चुके हैं. इतना ही नहीं इनके द्वारा लिखी गई फिल्मों का फितूर आज भी लोगों के बीच बरकरार है.