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Lakhimpur Violence: CM ने राज्यपाल को PM के नाम ज्ञापन सौंपा

Harpreet Singh • LAST UPDATED : October 5, 2021, 7:38 am IST

Lakhimpur Violence लखीमपुर हिंसक झड़प के पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाने की अपील
तीन खेती कानूनों की समीक्षा करके रद्द करने की जरूरत को दोहराया
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
CM चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट साथियों के साथ राज भवन में Punjab के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को किसानों के साथ जुड़े अहम मसलों पर PM नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के द्वारा CM ने PM को Lakhimpur खीरी में हाल ही में घटी हिंसा के पीड़ित परिवारों के लिए इंसाफ को यकीनी बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाव डालने की अपील की है।

कृषि कानूनों से किसानों में रोष (Lakhimpur Violence: CM submitted memorandum to the Governor in the name of PM)

मुख्यमंत्री ने इस ज्ञापन में तीन खेती कानूनों की तुरंत समीक्षा करके रद करने की जरूरत को भी दोहराया क्योंकि ये कानून ही किसानों में रोष की वजह बने हुए हैं। सीएम ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी में हाल में घटी हिंसक घटना बारे प्रधानमंत्री का ध्यान दिलाना चाहते हैं जिसने सभी की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। इससे भी ज्यादा दर्दनाक बात यह है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में हमारे अन्नदाताओं की जान चली गई जो खेती कानूनों के विरुद्ध शांतमयी प्रदर्शन कर रहे थे।

इस मामले में पीएम निजी दखल दें (Lakhimpur Violence: CM submitted memorandum to the Governor in the name of PM)

प्रधानमंत्री के निजी दखल की मांग करते हुए चन्नी ने कहा कि वह चाहते हैं कि इस बर्बर कृत्य के पीछे के चेहरे बेनकाब होने चाहिएं, चाहे वे कितना भी रसूख या पहुंच रखने वाले क्यों न हों। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि इस दुखद घटना में जान गंवा चुके भोले-भाले किसानों के लिए इंसाफ जल्द दिलाना यकीनी बनाया जाए।

कठिन हालात में किसान आंदोलन को मजबूर (Lakhimpur Violence: CM submitted memorandum to the Governor in the name of PM)

मुख्यमंत्री ने मोदी को यह भी जानकारी दी कि केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के कारण किसानों में भारी रोष पाया जा रहा है। इसके नतीजे के तौर पर देश भर से किसान संगठन बड़े कठिन हालातों जैसे कि कोविड-19 महामारी और मौसम की मार बर्दाश्त करते हुए बीते एक साल से दिल्ली की सरहदों पर संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन खेती कानूनों के खिलाफ लड़ाई में भाग लेते हुए कई किसान अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं, जिन कानूनों के कारण उनकी रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है और उनकी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य पर प्रश्न चिह्न लग गया है।

सीएम के साथ ये रहे मौजूद (Lakhimpur Violence: CM submitted memorandum to the Governor in the name of PM)

इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ उप-मुख्यमंत्री ओपी सोनी, कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा, मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, विजय इंदर सिंगला, रणदीप सिंह नाभा, डॉ. राजकुमार वेरका, संगत सिंह गिलजियां, प्रगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और गुरकीरत सिंह कोटली भी शामिल थे।

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