इंडिया न्यूज, Punjab News। Khalistani Organization SFJ : पंजाब के जिला संगरूर में खालिस्तानी नारे लिखने वाले 3 आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। आरोपी शराब के आदी बताए जा रहे हैं। यह कार्य बरनाला के हमीदी के रहने वाले आरोपी ने अपने साले और उसके बेटे के साथ मिलकर किया है।
बता दें कि इन तीनों आरोपियों को इस कार्य के लिए विदेश से पैसे भेजे गए थे। बताया जा रह है कि यह कार्य आरोपियों ने खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फार जस्टिस (SFJ) के कहने पर किया था। इस कार्य को करने के लिए आरोपियों के खाते में विदेश से पैसे डाले गए थे। इन्हीं तीनों आरोपियों ने संगरूर से हरियाणा के करनाल जाकर वहां भी खालिस्तानी नारे लिखे थे।
संगरूर के एसएसपी मनदीप सिद्धू ने मामले में जानकारी देत हुए बताया कि 19 जून और 26 जून को संगरूर में कुछ खालिस्तान से जुड़े नारे लिखे गए थे। यह एक धार्मिक स्थल और कुछ अन्य जगहों पर लिखे गए थे। प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस (SFJ) ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इनका मकसद समाज में गड़बड़ी और तनाव पैदा करना था।
एसएसपी का कहना है कि खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फार जस्टिस ने वीडियो जारी कर इनकी जिम्मेदारी ली थी। इस मामले में रेशम सिंह, उसका साला कुलविंदर सिंह और उसका बेटा मनप्रीत सिंह शामिल थे। रेशम सिंह चंडीगढ़ स्थित एलांटे माल और दूसरे माल में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता रहा है।
मिली जानकारी अनुसार आरोपी शराब पीने का आदी थे। जीजा और साला एक साल जेल में रहकर आए थे। बताया जा रहा है कि रेशम सिंह बहुत ज्यादा शराब पीने का आदी है। उसका साला कुलविंदर सिंह अपने पिता के मर्डर केस में एक साल जेल में रहा। वह हाल ही में जेल से बाहर आया है।
कुलविंदर का बेटा मनप्रीत 19 साल का है। कुलविंदर पीर की चौकी लगाता है। उन्होंने कहा कि इन्हें पैसे का लालच दिया गया था। बाद में पता चला कि इनके बैंक खातों में अलग-अलग जरिए से रुपए भेजे गए। जिसके अहम सबूत पुलिस को मिल गए हैं।
बता दें कि तीनों आरोपियों को कहा गया था कि जब भी नारे लिखने के लिए जाओ तो अलग कपड़े पहनकर जाना है और नारे लिखे जाने के बाद दूसरे कपड़े बदलकर आना है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि रास्ते में कहीं CCTV कैमरे लगे हुए तो आसानी से आरोपियों की पहचान नहीं होगी।
वहीं करीब 25 से 30 किमी दूर जाकर वीडियो अपलोड करनी है। इसलिए आरोपियों ने प्लान के तहत 19 जून को भवानीगढ़ के रास्ते कैथल से होते हुए करनाल जाकर नारे लिखे थे।