इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (BAMCEF Bharat Bandh): जाति आधारित जनगणना और चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक व किसानों को एमएसपी की गारंटी सहित अन्य कई मुद्दों पर आज आल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फेडरेशन (बामसेफ) ने भारत बंद का आह्वान किया है और बामसेफ को इसमें कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है। फेडरेशन के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा है कि भारत मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा व बहुजन मुक्ति मोर्चा सहित बंद के लिए कई संगठनों ने समर्थन दिया है। वामन मेश्राम बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक हैं।
उत्तर प्रदेश और बिहार में बंद का ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। इसका कारण यह है दोनों राज्यों में चुनावों के समय जातिगत जनगणना के मुद्दे उठ चुके हैं। बिहार की बात करें तो इस राज्य की राजनीति में जातिगत जनगणना का मसला कुछ ज्यादा ही छाया रहा है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अरसे से इस मुद्दे पर सरकार का घेराव कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में भी जातिगत मतगणना का मुद्दा कई बार उठ चुका है। इसी वजह से इस राज्य में भी बंद का असर ज्यादा दिख सकता है। समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया का कहना है कि देश में कई जातियां रहती हैं और अगर लोग जातिगत जनगणना चाहते भी हैं तो इसमें परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनावी दौर में तो बड़े जोर-शोर से धर्म व जाति के मसले उठाती है, पर जातिगत मतगणना की बात आए तो पीछे हट जाती है।
देश के कुछ राज्यों जैसे तमिलनाडु, यूपी व बिहार में पब्लिक ट्रांसपोर्ट व बाजारों में कारोबार प्रभावित हो सकता हैं। कहीं-कहीं ट्रेनें भी रोकी जा सकती हैं। पूरे देश में बंद का असर होने की संभावना नहीं है। बंद के आयोजको ने लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की है।
इसी के साथ कारोबारियों से दुकानें बंद रखने को कहा गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए जाति के आधार पर केंद्र द्वारा जनगणना न करने के विरोध में बंद बुलाया गया है। चुनाव में ईवीएम का यूज व प्राइवेट सेक्टर में एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण के मुद्दे का भी संगठन विरोध कर रहे हैं।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश में कोनसीमा का नाम बदलने पर भड़की हिंसा, मंत्री और विधायक के घर को किया आग के हवाले
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube