इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश में निपाह वायरस ने दस्तक दे दी है, जिसके बाद से स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट है। केरल में 12 साल के लड़के की निपाह वायरस से मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में बहुत से लोगों में अब निपाह वायरस को लेकर सवाल है। आइए जानते हैं यह वायरस कैसे फैलता है, कितना खतरनाक है, इसके लक्षण क्या और इससे कैसे बचा जा सकता है-
विशेषज्ञों के अनुसार निपाह वायरस चमगादड़ों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति चमगादड़ों के सीधे संपर्क में आता है, तो वह निपाह वायरस से संक्रमित हो सकता है। वहीं इस वायरस से संक्रमित चमगादड़ जब कोई फल खाते हैं, तो अपनी लार को उसी पर छोड़ देते हैं और ऐसे में इंसान जब उस फल का सेवन करता है तो वह भी इस वायरस से संक्रमित हो जाता है। लार के अलावा यह वायरस चमगादड़ के मूत्र और संभावित रूप से चमगादड़ के मल और जन्म के समय तरल पदार्थों में मौजूद होता है। इसके अलावा दूषित भोजन करने से भी ये वायरस इंसान को संक्रमित कर सकता है।
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निपाह वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में डैथ रेट 40 से 75 फीसदी तक होता है। इससे अंदाला लगाया जा सकता है कि यह वायरस कितना खतरनाक है। अभी तक इसका कोई इलाज भी नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने निपाह वायरस को दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस की सूची में शामिल किया है। निपाह वायरस का संक्रामक समय भी अमूमन लंबा होता है। किसी-किसी केस में 45 दिन का समय भी लग जाता है।
निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में तेज बुखार, खांसी, थकान, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और एनसीफिलाइटिस जैसे लक्षण दिख सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एनसीफिलाइटिस होने पर दिमाग में सूजन आ जाती है। इससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
खाना खाने से पहले और खाने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से जरूर धोएं। दूषित फलों को खाने से बचें। संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। इस वायरस की वजह से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव से भी दूर रहें। ा हैं?