इंडिया न्यूज़, Tech News : सियाचिन ग्लेशियर यह दुनिया का सबसे ऊंचा बैटल फिल्ड है। सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियों पर देश के निगहबान बनकर जवान दिन-रात देश की रक्षा में लगे रहते हैं, लेकिन कई बार जरूरी सूचना पहुंचाने के लिए नेटवर्क की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, यहां तक की जवान के घर-परिवार वालों और रिश्तेदारों को भी हाल चाल जानने के लिए हफ्ते या महीनों इंतजार करना पड़ जाता है।
हालांकि अब इस समस्या से देश के जावानों के साथ वहां रह रहे लोगों को भी छुटकारा मिलेगा। अब दुनिया के सबसे ऊंचे और दुर्गम युद्ध क्षेत्र में भी इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी विंग ने सियाचिन ग्लेशियर पर सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस एक्टिवेट कर दी है।
19,061 फीट पर सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवा शुरू की गई है। यह सेवा भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) की ओर से दी जा रही है, जो भारत सरकार का उपक्रम है और सियाचिन में सेना को नेट कनेक्टिविटी प्रदान कर रहा है।
दरअसल, बीबीएनएल की लगभग 7,000 ग्राम पंचायतों और अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में जहां फाइबर आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी संभव नहीं है, वहां उपग्रह आधारित इंटरनेट उपलब्ध कराने की योजना है। वहीं फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स कारगिल-लेह में तैनात रहकर सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करती है।
वैसे तो सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा बैटल फील्ड है। लेकिन यहां पर हाड़ कांप देने वाली ठंड पड़ती है, सांसें जम जाती है। यहां का सामान्य तापमान पूरे साल शून्य से 20 डिग्री नीचे तक रहता है, जबकि ठंड में यहां तापमान माइनस 50 तक हो जाता है।
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