इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Indian Army) : भारतीय सेना उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर एआई आधारित निगरानी प्रणालियों को तेजी से तैनात कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीमाओं पर एआई आधारित निगरानी प्रणालियों को तैनात करने का उद्देश्य सुरक्षा को बेहतर बनाने के साथ ही इसका इस्तेमाल रीयल टाइम की सोशल मीडिया निगरानी के लिए भी किया जाएगा।
इससे आतंकवाद रोधी अभियानों को रोका जा सकता है। एआई आधारित संदिग्ध वाहन पहचान प्रणाली को उत्तरी और दक्षिणी थिएटर में आठ स्थानों पर तैनात किया है। सेना अधिकारियों के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सैन्य अभियानों के दौरान ये काफी मददगार होगी।
गौरतलब है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रयोग से युद्ध के प्रतिमानों में काफी बदलाव आएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रयोग निगरानी और पता लगाने, रियल टाइम सोशल मीडिया निगरानी, पैटर्न की पहचान आदि के लिए किया जाएगाा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एआई आधारित खास परियोजनाओं को अमली-जामा पहनाने के लिए भारतीय सेना डीआरडीओ के साथ सहयोग कर रही है।
इसके लिए मिलिट्री कॉलेज आॅफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में एआई लैब की स्थापना की गई है। तैनाती से पहले इन उपकरणों की इन-हाउस टेस्टिंग की गई है। भारतीय सेना अब एआई प्रोजेक्ट्स को प्रोडक्शन एजेंसी को सौंपने जा रही है। भारतीय सेना ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर एआई पावर्ड स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम की कई इकाइयां तैनात की हैं। ये इकाइयां पीटीजेड कैमरों और हैंडहेल्ड थर्मल इमेजर्स जैसे उपकरणों के जरिए तगड़े इनपुट उपलब्ध कराने में सक्षम हैं।
सीमा पर एआई आधारित पहचान प्रणाली ने मैन्युअल निगरानी की जरूरतों को काफी हद तक कम कर दिया है। यही नहीं सेना भविष्य की स्पेस वॉर जैसी चुनौतियों को लेकर भी अपनी तैयारियों को धार दे रही है। सेना ने जुलाई के अंतिम हफ्ते में अपने सभी सेटेलाइट आधारित सैन्य संसाधनों की संचालन तैयारियों का अभ्यास किया। ताकि समय रहते इसका प्रयोग असानी से किया जा सकें।
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