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जानिए क्या है मेडिकल नेगलिजेंस जिस पर 18 साल बाद आया फैसला, डॉक्टर को देने होंगे 25 लाख, आप भी ऐसे कर सकते हैं शिकायत

Sameer Saini • LAST UPDATED : June 15, 2022, 3:10 pm IST

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इंडिया न्यूज़, Patiala News (Medical Negligence) : मेडिकल नेगलिजेंस जिसे आम भाषा में कहें तो इलाज के दौरान लापरवाही करना। इस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल मामला कुछ ऐसा था कि पटियाला की एक 47 वर्षीय महिला की पित्ताशय की पथरी को हटाने के लिए एक सर्जरी के बाद मौत हो गई थी। इस घटना पर अठारह साल बाद, सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला के एक डॉक्टर को ‘चिकित्सकीय लापरवाही’ के लिए दोषी ठहराते हुए परिवार के लिए 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

मुआवजे का भुगतान करने का दिया आदेश

यह देखते हुए कि यह ‘निश्चित रूप से सेवाओं में कमी के कारण चिकित्सा लापरवाही का मामला था, अदालत ने पटियाला में प्रीत सर्जिकल सेंटर और मातृत्व अस्पताल चलाने वाले लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ गुरमीत सिंह को मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘सबूत, मेडिकल आधार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की आचार समिति की रिपोर्ट की जांच करने के बाद, हमने निष्कर्ष निकाला है कि चिकित्सा में लापरवाही के लिए डॉक्टर के खिलाफ सेवा में कमी का मामला बनता है

हालांकि, अदालत ने कहा कि दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच), लुधियाना के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ अतुल मिश्रा को किसी भी चिकित्सा लापरवाही का दोषी नहीं पाया गया, जहां मरीज की हालत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए पटियाला अस्पताल ले जाया गया था।

जानिए क्या है मेडिकल नेगलिजेंस का मतलब

चिकित्सीय लापरवाही’ को एक चिकित्सक द्वारा रोगी के अनुचित या अकुशल उपचार के रूप में परिभाषित कर सकते हैं। इसमें नर्स, चिकित्सक, सर्जन, फार्मासिस्ट, या किसी अन्य चिकित्सक की देखभाल में लापरवाही शामिल है। जैसे कोई गलत तरीके से दवा देना, गलत ढंग से सर्जरी करना, गलत मेडिकल गाइडेंस देना, सर्जरी के समय मरीज को नुकसान पहुंचाना अदि ये सभी मेडिकल नेगलिजेंस के अंतर्गत आते है।

मेडिकल नेगलिजेंस की शिकायत कैसे दर्ज करें?

  • मेडिकल सुपरिडेंट के लिए आप लिखित शिकायत कर सकते हैं।
  • लिखित शिकायत करने के बाद इसकी कॉपी आप CMO (चीफ मेडिकल ऑफिसर) को भेजनी होगी।
  • यदि CMO का कोई रिस्पांस नहीं आ रहा है या फिर आप उनके जवाब से सटिस्फीएड नहीं हैं तो आप अपने राज्य के मेडिकल काउंसिल में इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
  • यदि आपको इस बात का डर है कि मेडिकल नेगलिजेंस की वजह से अपने परिचित की जान को खतरा है तो इसके लिए आप स्थानीय पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवा सकते है।
  • डॉक्टर इलाज में यदि लापरवाही कर रहा है तो उसे दोनों स्थिति क्रिमिनल और सिविल दोनों केस बनते है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत भी डॉक्टर के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में मुकदमा किया जा सकता है।
  • डॉक्टर क्रिमिनल केस में यदि दोषी पाया जाता है तो उसे जेल की सजा हो सकती है।
  • पीड़ित नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सिविल कोर्ट में मुआवजे का दावा कर सकता है।

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