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कैसा शहर है ‘विशाखापट्टनम’, जो अब होगी आंध्रप्रदेश की नई राजधानी

Suman Saurabh • LAST UPDATED : January 31, 2023, 5:01 pm IST

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How is the city ‘Visakhapatnam’, New capital of Andhra Pradesh: तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग किए जाने के नौ साल बाद, मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय राजनयिक गठबंधन की बैठक में घोषणा की है कि विशाखापट्टनम राज्य की नई राजधानी होगी। 2015 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की थी कि अमरावती नई राजधानी होगी, लेकिन अब मौजूदा मुख्यमंत्री ने विशाखापट्टनम को नई राजधानी बनाने की घोषणा की है। विशाखापट्टनम को नई राजधानी बनाए जाने के बाद हर कोई ये जानने को उत्सुक है कि आखिर इस शहर की क्या विशेषता है। आज इस लेख में हम विशाखापट्टनम से जुड़ी कुछ खास बातों को जानेंगे….

 

दो बड़े पोर्ट वाला एकमात्र शहर

यह भारत का एकमात्र शहर है जो देश के दो सबसे बड़े पोर्ट – विज़ाग और गंगावरम का दावा कर सकता है। 1933 में खोला गया विशाखापट्टनम/ विज़ाग पोर्ट भी 2022 में कार्गो की मात्रा के मामले में भारत के शीर्ष पांच बंदरगाहों में शामिल है। गंगावरम 21 मीटर की कुल गहराई के साथ भारत का सबसे गहरा बंदरगाह है और 2009 में इसका उद्घाटन किया गया था।

 

पहला नौसैनिक शूटिंग रेंज

अगस्त 2022 में, भारत में अपनी तरह के पहले, कम्पोजिट इंडोर शूटिंग रेंज (CISR) का उद्घाटन वाइस-एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता, फ्लैग-ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान ने INS कर्ण में पूर्वी समुद्र तट पर किया था। विशाखापट्टनम पूर्वी नौसेना कमान के तीन प्रमुख ठिकानों में से एक है, यह ईस्ट्रन नेवल कमांड का मुख्यालय भी है।

 

‘ज्वेल्स ऑफ ईस्ट कोस्ट’

पूर्वी घाट पर्वत श्रृंखला और बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित, इसे अक्सर दक्षिण भारत के सबसे बड़े बंदरगाह शहरों में से एक होने के कारण ‘पूर्वी तट का गहना’ कहा जाता है। वित्तीय राजधानी और अब आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी होने के नाते, शहर के कई समुद्र तटों, संग्रहालयों, मंदिरों ने इसे एक पर्यटक आकर्षण का केंद्र भी बना दिया है। विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है, यह चेन्नई के बाद भारत के पूर्वी तट पर स्थित दूसरा सबसे बड़ा शहर है।

 

विशाखापट्टनम में ही निर्माण हुआ ‘आईएनएस अरिहंत’

देश की पहली स्वदेशी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिहंत’ को 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा विजय दिवस पर समुद्री परीक्षणों के लिए लॉन्च किया गया था। विशाखापट्टनम में शिप बिल्डिंग सेंटर में एडवांस प्रौद्योगिकी पोत (एटीवी) परियोजना के तहत 6,000 टन का जहाज बनाया गया था। 2016 में, भारतीय नौसेना ने गुप्त रूप से INS अरिहंत को सेवा में शामिल कर लिया, जो परमाणु हथियारों को दागने में सक्षम है।

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