इंडिया न्यूज़ (मुंबई): शिवसेना के बागी विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर द्वारा निलंबन के नोटिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुए,महाराष्ट्र विद्यानसभा के डिप्टी स्पीकर की तरफ से कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी किउअ तो तो,एकनाथ शिंदे की तरफ से नीरज किशन कौल ने.
सुप्रीम कोर्ट ने नीरज कौल से पूछा की आप लोग बॉम्बे हाई कोर्ट क्यों नहीं गए इस पर नीरज ने जवाब दिया की हम बहुमत का प्रतिनिधित्व कर रहे है हमारे पास आज 39 विधायक है,पार्टी के प्रवक्ता गुवहाटी से 40 लाशें आने की बात कर रहे है ,वातावरण ऐसा नहीं है बॉम्बे हाई कोर्ट के पास अर्जी लगाई जाए कोर्ट को ऐसे अर्जी को अनुच्छेद 32 के तहत सुनना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा की हम समझते है की आप अपनी ज़िन्दगी और आज़ादी को लेकर भयभीत है ,कोर्ट ने कहा की नोटिस में जवाब देने के लिए उचित समय नहीं दिया गया.
नीरज कौल की तरफ से कहा गया की 2019 में शिंदे को सर्वसम्मति से पार्टी का नेता चुना गया था,2022 में अल्पमत एक बैठक बुलाता है और विधायकों को नोटिस थमा दिया जाता है डिप्टी स्पीकर को विधायकों का बचाव करना चाहिए था लेकिन उन्होंने नोटिस थमा दिया.
नीरज कौल ने अनुच्छेद 179 का हवाला देते हुए कहा की नोटिस के बाद 14 दिन का समय दिया जाता है लेकिन यह नहीं देना दिखाता है की यह सब कितनी जल्दबाजी में किया गया.
डिप्टी स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ के सुनाया जिसमे कहा गया था की सदन के अंदुरनी मामलो में स्पीकर के फैसले को चैलेंज नहीं किया जा सकता.
पूरी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा की जिन विधायकों को नोटिस दिया उन्हें 12 जुलाई शाम 5.30 तक जवाब देना का समय दिया जाता है साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकर को 39 बागी विधायकों के परिवार वालो की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया, अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.