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Tarapith Temple : एक ऐसी पीठ जहां पूरी होती है भक़्तो की मनोकामना

India News Editor • LAST UPDATED : October 31, 2021, 4:33 pm IST

Tarapith Temple

इंडिया न्यूज़, कोलकाता: 

Tarapith Temple : जी हां हम बात कर रहे है पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के तारापीठ की जो पूरे भारत मे तंत्र साधनाओं की सिद्धि के लिए काफी प्रचलित है, वैसे तो मां काली के कई स्वरूप है। शक्ति की देवी काली मां के हर रूप का ही महत्व अलग-अलग है। आज हम बात करेंगे तारा मां के बारे में। तारा का अर्थ है आंख और पीठ का अर्थ है स्थल।
पौराणिक कथाओं के अनुसार सती मां का नयन इस स्थान पर गिरा था और ये एक शक्ति पीठ बन गई। हम यहां बात कर रहे हैं तारापीठ के बारे में जो कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है। इस मंदिर की अपनी अलग ही खासियत है। इस मंदिर की महिमा के कारण दूर-दूर से लोगों का यहां साल भर तांता लगा रहता है।
कहा जाता है कि वशिष्ठ मुनि ने मां की कठिन तपस्या करके कई सारी सिद्धियों को प्राप्त किया था और उन्हीं ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।हालांकि समय के चलते वो प्राचीन मंदिर मिट गया और अभी जो मंदिर आप देखते है उसे जयव्रत नाम के एक व्यवसायी ने बनवाया था।

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आपको बता दें कि तारापीठ मंदिर शमशान घाट के समीप स्थित है। इस घाट को महाश्मशान घाट के नाम से जाना जाता है। यहां हैरान करने वाली बात ये है कि यहां महाश्मशान घाट में जलती चिता की अग्रि कभी नहीं बुझती है।
मंदिर के चारों ओर द्वारका नदी बहती है। बामाखेपा नाम के एक साधक ने मां की कठिन साधना कर अनेकों सिद्धियों की प्राप्ति की थी। तारा मां और बामाखेपा को लेकर कई सारी अलौकिक घटनाएं आज भी चर्चित है। तन्त्र की साधना का हिंदू धर्म में काफी महत्व है और तारापीठ एक तन्त्र स्थल के लिए जाना जाता है। तारापीठ की शिलामयी मां का दर्शन केवल सुबह और शाम के समय श्रृंगार के समय ही होता है।

आपको बता दें कि वैसे तो मां की आरती सुबह शाम दो बार होती है लेकिन नवरात्रि में अष्टमी के दिन मां की तीन बार आरती की जाती है। यहां मां को प्रसाद के रूप में नारियल,पेड़ा,इलायची दाना चढ़ाया जाता है। लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि महाश्मशान में पंचमुंडी के आसन पर बैठकर एकाग्र मन से तारा मां का तीन लाख बार जप करने से किसी भी साधक को सिद्धि की प्राप्ति हो जाती है। इस महापीठ के दर्शन से इंसान की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। तारापीठ कोलकाता से करीबन 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां आप बस,ट्रेन या फिर कार किसी भी साधन से जा सकते हैं।

(Tarapith Temple)

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