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अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रासंफर किया

Roshan Kumar • LAST UPDATED : July 19, 2022, 3:39 pm IST

इंडिया न्यूज़(दिल्ली): सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा तीनो सेनाओं में भर्ती के लिए लाये गए अग्निपथ योजना के खिलाफ लगाई गई याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है,दिल्ली हाई कोर्ट में पहले से ही इसको लेकर याचिकाएँ लंबित है.

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़,सूर्य कांत और जेबी पारदीवाला की पीठ ने यह आदेश तीन याचिकाओं को लेकर दिया जो संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दयार की गई थी,इसमें से दो जनहित याचिकाएं थी और एक रिट याचिका थी जो एयरफोर्स की एयरमैन की भर्ती में चयनित छात्रों ने लगाई गई इनकी मांग थी अग्निपथ से पहले जो भर्तियां निकाली गई थी उसे पूरा किया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में अलग अलग उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को खुद को ट्रांसफर करने से मना कर दिया,कोर्ट ने कहा की यह इस अदालत को योजना की वैधता और इसके कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर उच्च न्यायालय के सुविचारित दृष्टिकोण से वंचित करेगा जो कई उच्च न्यायालयों में उठाए जा रहे हैं.

कोर्ट ने कहा की पटना \,पजांब और हरियाणा,उत्तराखंड और केरल उच्च न्यायालयों को मामले लंबित है या तो हाईकोर्ट इन मामलो को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दे,यदि याचिकाकर्ता ऐसा नहीं चाहता तो तो मामला को लंबित रखकर याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट के सामने अपनी बात रखने का मौका दे.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से तेजी से फैसला करने को भी कहा है.

केंद्र सरकार ने तीनो सेनाओं में भर्ती के लिए 14 जून को अग्निपथ योजना का ऐलान किया था,जिसमे चार साल के लिए 17 से 21 साल के युवा शामिल को सकेंगे,इस योजन के ऐलान के बाद ही देश भर में प्रदर्शन हुए थे खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार में बड़ी मात्रा में रेलवे की सम्पत्ति को नुकसान भी पहुंचाया गया था,जिसके बाद केंद्र सरकार ने भी कुछ बदलाव किये थे,जिसमे पहले भर्ती में दो साल उम्र की सीमा बढ़ाना,अग्निपथ योजना के दौरान किये गई कामों हो स्किल का कोर्स मानना,अग्निवीरो की पढ़ाई की लिए ओपन कोर्स लाना,रक्षा मंत्रालय से जुड़े सार्वजनकि उपक्रमों और तट रक्षा बलों में अग्निवीरो को 10 प्रतिशत आरक्षण देना,केंद्रीय सुरक्षा बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण देना देने जैसे फैसले शामिल थे,वही मर्चेंट नेवी और कई निजी छेत्र की कंपनियों ने भी अग्निवीरो को प्राथमिकता देने की बात कही थी,भारतीय वायु सेना ने 24 जून को अग्निपथ योजना की तहत आवेदन मांगे थे 6 जुलाई तक वायुसेना को 7.5 लाख आवेदन मिले,वही थल सेना और नौसेना में अभी आवेदन करने की प्रक्रिया जारी है.

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