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क्या अमेरिका में आ गई मंदी, लगातार दूसरी तिमाही में नेगिटिव रही जीडीपी ग्रोथ

Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : July 29, 2022, 1:50 pm IST

इंडिया न्यूज, वाशिंगटन (Recession in America): अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगातार दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजे आए हैं जिससे मंदी की आशंका और तेज गई है। अमेरिका के कॉमर्स विभाग ने वीरवार देर रात आंकड़े जारी कर बताया कि पिछले 3 महीनों में विकास दर में शून्य से 0.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे पहले मार्च तिमाही में भी सकल घरेलू उत्पाद में 1.6 प्रतिशत की कमी आई थी। लगातार 2 तिमाहियों में सकल घरेलू उत्पाद में नकारात्मक वृद्धि दर को अक्सर मंदी माना जाता है। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि अमेरिका में क्या मंदी आ चुकी है।

दरअसल, एक गैर-लाभकारी, गैर-पक्षपातपूर्ण संगठन जिसे नेशनल ब्यूरो आफ इकोनॉमिक रिसर्च कहा जाता है, यह निर्धारित करता है कि यू.एस. अर्थव्यवस्था कब मंदी में है। 8 अर्थशास्त्रियों से बनी NBER समिति यह निर्धारण करती है। यह समिति अपनी गणना में कई कारकों को शामिल करती है।

रिकार्ड नौकरियों से मंदी रोकने की कोशिश

America Recession

हालांकि व्हाइट हाउस ने मौजूदा अर्थव्यवस्था को मंदी कहने के खिलाफ जोर दिया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मध्यावधि चुनाव में अर्थव्यवस्था की भूमिका के बारे में पता है। राष्ट्रपति बाइडेन ने अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत के रूप में रिकॉर्ड नौकरी वृद्धि और विदेशी व्यापार निवेश का हवाला दिया। इसके बावजूद बाइडेन सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अमेरिका में खाने-पीने से लेकर किराये व अन्य जरूरी सामानों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।

एक महीने में 4 लाख नौकरियां पैदा

ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने हाल ही में एनबीसी मीट द प्रेस में बताया कि नकारात्मक वृद्धि के लगातार दो तिमाहियों को आम तौर पर मंदी माना जाता है। लेकिन अर्थव्यवस्था में स्थितियां अद्वितीय हैं। उन्होंने कहा कि जब आप एक महीने में लगभग 400,000 नौकरियां पैदा कर रहे हैं, तो यह मंदी नहीं है। इसके बावजूद अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है।

निस्संदेह, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाने के साथ उधार लेना अधिक महंगा हो गया है। ऐसे में निवेश करने के लिए कम पैसा है। मुख्य चिंता यह है कि क्या इससे नौकरियों की वृद्धि प्रभावित होने लगेगी।

65 प्रतिशत नागरिकों ने स्वीकारी मंदी

अमेरिका में करवाए गए एक सर्वे के अनुसार 65 फीसदी अमेरिकी पहले ही मंदी में जाने की बात को मान चुके हैं। दरअसल महंगाई ने 42 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। जून में महंगाई दर 9.1 फीसदी रही है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि अमेरिकावासी मंदी की चपेट में हैं। हालांकि राष्ट्रपति भवन कार्यालय में कोई भी मंदी शब्द सुनना और बोलना पसंद नहीं कर रहा है।

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