होम / तिरंगे का करता है अपमान, खालिस्तान का है ध्वजारोहक : वही शैली, वही वेशभूषा… पंजाब में पैदा हो गया है दूसरा भिंडरावाले?

तिरंगे का करता है अपमान, खालिस्तान का है ध्वजारोहक : वही शैली, वही वेशभूषा… पंजाब में पैदा हो गया है दूसरा भिंडरावाले?

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : November 23, 2022, 4:00 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : कट्टरपंथी अमृतपाल पाल सिंह के सहयोगी भगवंत सिंह उर्फ ‘प्रधानमंत्री बाजेके’ पर मोगा पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर लिया है। जानकारी हो, बाजेके पर सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन के आरोप में एफआईआर दर्ज किया गया है। आपको बता दें, बाजेके गाँव का रहने वाला भगवंत सिंह खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का करीबी है। उसे अक्सर विभिन्न कार्यक्रमों में अमृतपाल के साथ देखा जाता रहा है।

खालिस्तान समर्थक है भिंडरावाले

ज्ञात हो, अमृतसर के जलालपुर खेड़ा गाँव का रहने वाला अमृतपाल सिंह तब सुर्खियों में आया, जब उसने ‘वारिस पंजाब दे’ नाम के संगठन की बागडोर संभाली। वह सिर्फ 12वीं तक पढ़ा है। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन अभिनेता और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने शुरू किया था। संदीप सिंह उर्फ़ दीप सिद्धू वही था, जिसने 26 जनवरी, 2021 को लालकिले पर खालसा पंथ का झंडा फहराया था। इसके बाद देश भर में उसकी आलोचना हुई थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था।

जानकारी हो, 15 फ़रवरी, 2022 को एक सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह को बनाया गया। लगभग दो महीने पहले 29 सितंबर को मोगा जिले में ही अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के गाँव रोडे में अमृतपाल सिंह की दस्तारबंदी हुई। इस समारोह में खुलकर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘हमें क्या चाहिए ‘आजादी’ जैसे नारे लगाए गए। पगड़ी पहनते ही अमृतपाल सिंह ने मंच से ‘भविष्य की जंग’ शुरू करने की घोषणा की। वह खुलेआम खालिस्तान की माँग करने लगा।

भिंडरावाले से क्यों हो रही अमृतपाल की तुलना?

आपको बता दें,अमृतपाल सिंह ने खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले को प्रेरणा बताते हुए उसके रास्ते पर चलने की बात कही थी। इतना ही नहीं, अमृतपाल की वेशभूषा भी खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले से मिलती-जुलती है। अमृतपाल, भिंडरावाले की शैली में ही हर संवेदनशील मुद्दे पर नौजवानों को उकसाने और अलगाववाद को हवा देने की कोशिश करता है। अमृतपाल न सिर्फ जंग, खालिस्तान, आजादी, कुर्बानी और मरजीवड़े (आत्मघाती दस्ते) की बातें कर रहा है, बल्कि कानून को चुनौती देते हुए पुलिस और अदालतों को छोड़कर पंथ के दोषियों को अपने दम पर दंडित करने जैसी बातें करता है।

अमृतपाल पर राज्य सरकार की ख़ामोशी

जानकारी हो,अमृतपाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो अपलोड कर सरेआम राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करता है। वह कहता है, “तिरंगा हमारा झंडा नहीं है क्योंकि इस झंडे ने हमारे ऊपर बेइंतहा जुल्म किए। इसे बदल डालो, मिटा डालो।” गौरतलब की बात है ‘इतना सबकुछ होने के बाद भी इस पर एक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। लोगों को भड़काने वाले राष्ट्र विरोधी बातें करने वाले के अमृतपाल के खिलाफ पुलिस किसी भी सख्त कार्रवाई से कतरा रही है। राज्य के आम आदमी पार्टी की सरकार को भी अमृतपाल के उकसावे वाले भाषणों में भी कुछ गलत नहीं दिख रहा। मुख्यमंत्री भगवंत मान भी चुप हैं। अमृतपाल सिंह और उसकी संस्था ‘वारिस पंजाब दे’ की संदिग्ध गतिविधियों पर पंजाब पुलिस और राज्य सरकार का नरम रुख चिंताजनक है।’

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