The idol of Shri Ram-Sita : अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने की तैयारियां जोरों पर है। मंदिर का 40 प्रतिशत निर्माणकार्य पूरा हो चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों की माने तो इस साल के अंत तक निर्माण के कार्य को 90 प्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा। इस बीच खबर सामने आई है कि भगवान श्रीराम और सीता के लिए जिस शिला से मूर्ति बनाई जानी है वह नेपाल के शालिग्राम नदी से लाई जा रही है।
दावा है कि ये शिलाएं करीब 6 करोड़ साल पुरानी हैं। दो शिलाएं हैं जिसमें से एक शिला का वजन 26 टन जबकि दूसरे का 14 टन है। शिला को शालिग्राम नदी से निकाले जाने से पहले क्षमा- याचना की गई। जिसके फलस्वरूप पूजा व अनुष्ठान के बाद ट्रक में इसे लोड कर सड़क के रास्ते अयोध्या लाया जा रहा है। इसकी जानकारी के बाद रास्ते में इसके दर्शन व स्वागत के लिए लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। 2 फरवरी तक इसके अयोध्या पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
#India & #Nepal one people by faith, belief, ancestry & soul .
The stone of Dev Shila Shaligram, which is going from #Pokhara, Nepal to #Ayodhya being worshiped by #Nepali devotees on it's way to #India .#JaiShriRam pic.twitter.com/Y3DfWe52DO— Ninjamonkey 🇮🇳 (@Aryan_warlord) January 28, 2023
जानकारी के अनुसार इसे लाने से पहले भारतीय जियोलॉजिकल और ऑर्किलॉजिकल विशेषज्ञों की टीम नेपाल के शालिग्रामी नदी जाकर शिला की जांच की। इसके बाद विशेषज्ञों की टीम के देखरेख में इसे नदी से निकाला गया। शुभ दिन तय कर शिला को बसंत पंचमी के दिन नेपाल से रवाना किया गया। शिला नेपाल से बिहार होते हुए 2 फरवरी को गोपालगंज होकर उत्तरप्रदेश में प्रवेश करेगी।
7 दिवसीय इस यात्रा के दौरान शिला के अयोध्या आगमन से पहले 51 जगहों पर पूजा व अर्चना की जाएगी। यह यात्रा 2 फरवरी को अयोध्या में प्रवेश करेंगी लेकिन इससे पहले नेपाल के गलेश्वर महादेव मंदिर में जिसके बाद जनकपुर सहित बिहार के कई धार्मिक जगहों पर पूजा व अनुष्ठान के बाद 31 जनवरी को गोपालगंज होकर UP में प्रवेश करेंगी। इस यात्रा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य, कारसेवक व नेपाल के कई गणमान्य अतिथि सहित 100 से ज्यादा साधु-संत साथ चल रहें हैं।