नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा की तीसरी स्वरूप मां चंद्रघंटा की अराधना की जाती है। माता चंद्रघंटा का स्वरूप सौम्य है, इनके सिर पर घंटे के आकार का चंद्रमा है इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है हिंदू धर्म के अनुसार चंद्रघंटा देवी की पूजा करने से ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते है शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें?
नवरात्रि के तीसरे दिन विधिपूर्वक मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होने के बाद लाल रंग के कपड़े पहने, इसके बाद गंगाजल से शुद्ध होकर माता की पूजा शुरू करनी चाहिए। मां चंद्रघंटा की पूजा में ‘ओम् चंद्रघंटायै नम:’ इस मंत्र का जाप किया जाता है। थ ही माता को अक्षत, सिंदूर, धूप-दीप, और लाल रंग के फूल से माता की पूजा करें। मां चंद्रघंटा को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग भी लगाएं।
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई को भोग लगाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार कन्याओं को खीर, हलवा और स्वादिष्ट मिठाई भेट करने से माता प्रसन्न होती है, मान्यता है कि मां चंद्रघंटा को प्रसाद के रूप में गाय के दूध से बनी खीर काभोग लगाने से भक्तों की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
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