पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ के लिए शादीशुदा स्त्रियां करवा चौथ का व्रत रखती है। इसलिए इस दिन कुछ ऐसे कार्य है जो सुहागिनों को नहीं करना चाहिए, वरना व्रत व्यर्थ चला जाता है। शास्त्रों में करवा चौथ के दिन कुछ कार्य करने की मनाही है इससे व्रत का प्रभाव कम हो जाता है और महिलाओं को पूर्ण फल नहीं मिलता। आइए जानते हैं एसे कार्यो के बारे में-
1.सिलाई-कढ़ाई – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रती को इस दिन किभी भी धारदार चीजों का इस्तेमालन नहीं करना चाहिए। इस दिन सिलाई-कढ़ाई जिसमें कैंची का उपयोग होता है उसका उपयोग ना करें। ऐसा करना अपशगुन माना जाता है।
2.सुहाग की वस्तु – करवा चौथ में सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती है। ध्यान रखे की इस दिन सुहाग की कोई वस्तु पहनते समय टूट जाए तो उसे कूड़दान में न फेंके। इन्हें बहते जल में बहा दे। साथ ही इस दिन किसी से उधार लेकर मांग में सिंदूर बिल्कुल न लगाएं और न ही अपना सिंदूर और श्रृंगार का सामान किसी दूसरी महिला को दें।
3.देर तक न सोएं – करवा चौथ व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सरगी खानी चाहिए। करवा चौथ में देर तक न सोएं साथ ही दिन के समय भी सोना नहीं चाहिए। इस व्रत में सरगी का विशेष महत्व है। देर तक सोने से सरगी खाने का समय निकल सकता है।
4.सफेद चीजों का दान वर्जित – करवा चौथ सुहाग का त्यौहार है इस व्रत में सुहाग से जुड़ी वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन सफेद रंग की चीजों (दूध, दही, चावल, सफेद मिठाई) का दान बिल्कुल ना करें।
5.विवाद न करें – करवा चौथ व्रत का फल तभी मिलता है जब स्त्री का पूरा ध्यान ईश्वर की भक्ति में हो। इस दिन किसी को अपशब्द न कहें, विवाद से दूर रहे। खासकर पति से वाद-विवाद न करें, ये बात पति पर भी पूरी तरह से लागू होती है।
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