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कई बीमारियों का इलाज हैं ये दालें

Suman Tiwari • LAST UPDATED : September 20, 2022, 4:10 pm IST

इंडिया न्यूज (Benefits of Pulses)
भारतीय भोजन बिना दाल के अधूरा होता है। मसूर, उड़द, अरहर जैसी साधारण दाल के अलावा राजमा और चना जैसी टेस्टी और फैंसी दालें घर में अक्सर पकाई जाती हैं। भले ही इसका स्वाद और पकाने का तरीका अलग होता है, लेकिन इनके फायदे एक समान हैं। तो चलिए जानते हैं किस प्रकार दाल सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है।

चने की दाल: चने की दाल में फाइबर और प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाया जाता है। यह शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखने के साथ-साथ एनर्जी भी देती है। बढ़ते बच्चों और युवाओं को चने की दाल का सेवन विशेष रूप से करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में प्रोटीन की कमी को दूर करती है। चने की दाल डायबिटीज और दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। चने की दाल का सेवन एनीमिया, पीलिया, कब्ज जैसी परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद है।

मसूर दाल: लाल रंग की मसूर दाल फाइबर और प्रोटीन के खजाने से कम नहीं है। मसूर दाल का सेवन पेट और पाचन संबंधी सभी रोगों को दूर करने में मदद करता है। मसूर की दाल का सूप बनाकर पीने से गले और आंत के रोगों को दूर करने में मदद करती है। खून की कमी में मसूर की दाल पीना फायदेमंद है, क्योंकि ये शरीर में ब्लड की कमी को पूरा करने का काम करती है।

उड़द दाल: उड़द दाल खाने से यूरिन में जलन और अन्य समस्याएं दूर हो जाती हैं। शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए भी इस दाल का सेवन किया जाता है। चेहरे पर निखार लाने के लिए भी उड़द की दाल का सेवन किया जा सकता है। उड़द दाल न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि कई पौष्टिक गुणों से भी भरपूर है।

अरहर की दाल: अरहर की दाल को ‘दालों की रानी’ कह सकते हैं। यह न सिर्फ शरीर को सेहतमंद और तंदुरुस्त बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि विटामिन और मिनरल की कमी भी पूरी करती है। अरहर की दाल में प्रोटीन, पोटेशियम, सोडियम , विटामिन ए, बी 12 , काबोर्हाइड्रेट जैसे न्यूट्रिशन होते हैं। अरहर की कच्ची दाल को पानी में पीसकर पीने से भांग का नशा उतारने में मदद मिलती है। जख्म सूख नहीं रहा हो तो अरहर की दाल के पत्तों को पीसकर घाव पर लगा लें।

मूंग की दाल: मूंग की पीली दाल को धुलि हुई मूंग दाल के नाम से जाना जाता है। मूंग दाल खाने में काफी हल्की होती है और इसे पचाना आसान होता है। मरीजों को मूंग दाल की खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है। ये न सिर्फ डाईजेशन को दुरुस्त बनाती है बल्कि पेट को हल्का रखती है। मूंग की दाल शरीर में फाइबर, आयरन और प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करती है इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को यह दाल खाने की सलाह दी जाती है। मूंग की दाल का सेवन शरीर में जमा एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है।

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