होम / Skeletal Fluorosis : कमर और जोडों में दर्द को सिर्फ गठिया रोग न समझे, स्केलेटल फ्लोरोसिस का हो सकते हैं शिकार

Skeletal Fluorosis : कमर और जोडों में दर्द को सिर्फ गठिया रोग न समझे, स्केलेटल फ्लोरोसिस का हो सकते हैं शिकार

Sameer Saini • LAST UPDATED : October 27, 2021, 5:47 am IST

Skeletal Fluorosis : नई दिल्ली के एम्स में हाल ही में एक ऐसे मरीज का मामला सामने आया जिसकी हड्डियों की बीमारी की वजह पता लगाना मुश्किल हो रहा था। कई जांच करने पर पता चला कि मरीज स्केलेटल फ्लोरोसिस बीमारी से पीडि़त था। फ्लोरोसिस से पीड़ित होने के कारण उसके शरीर की हड्डियां कमजोर हो गई थी।

उसके दांत भी पीले पड़ गए थे। लंबे समय तक चले इलाज़ के बाद अब मरीज की यह बीमारी 50 फीसदी तक ठीक हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से कमर में दर्द की परेशानी है तो इसे सिर्फ गठिया न समझे। यह फ्लोरोसिस की बीमारी भी हो सकती है। (Skeletal Fluorosis)

बताते हैं कि रोगी को पीठ में दर्द, गर्दन में जकड़न, कंधों और कूल्हें में दर्द की शिकायत थी। उसके दांत भी पीले पड़ गए थे। मरीज अपने साथ कुछ एक्स– रे लेकर आया था। अस्पताल आने पर उसके हाथ और कंधों का भी एक्स– रे किया गया। उसके ब्लड और यूरिन का सैंपल भी लिया गया। जांच में पता चला कि मरीज स्केलेटल फ्लोरोसिस नामक बीमारी से पीड़ित है।

यह बीमारी ज्यादा फ्लोराइड वाला पानी पीने से होती है। इससे दांत और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस मरीज के मामले में हैरानी की बात यह थी कि वह पिछले आठ सालों से इस बीमारी को अर्थराइटिस समझकर इलाज़ करा रहा था। उसे नहीं पता था कि वह फ्लोरोसिस का शिकार है। (Skeletal Fluorosis)

डाइट और पानी में किया गया बदलाव (Skeletal Fluorosis)

मरीज को ठीक करने के लिए उसको कैल्सियम और विटामिन डी युक्त डाइट लेने की सलाह दी गई। मरीज को पानी बदलकर आरओ का पानी पीने के लिए कहा गया। दो साल तक मरीज ने इन चीजों का पालन किया और उसकी परेशानी 50 फीसदी तक कम हो गई है।

एक साथ कई लोगों को हो सकती है बीमारी (Skeletal Fluorosis)

बीमारी पीने के पानी के कारण होती है। इससे घर के कई लोग एक साथ इसकी चपेट में आ सकते हैं। इसलिए अगर घर में सभी लोगों को कमर या जोड़ों में दर्द की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो यह प्लोरोसिस बीमारी हो सकती है।

फ्लोरोसिस के लक्षण (Skeletal Fluorosis)

दांतों में अत्यधिक पीलापन। हाथ और पैर का आगे या पीछे की ओर मुड़ जाना। पांव का बाहर या अंदर की ओर धनुषाकार हो जाना। घुटनों के आसपास सूजन। झुकने या बैठने में परेशानी। कंधे, हाथ और पैर के जोडों में दर्द। जवानी में ही बुढ़ापे का लक्षण नजर आना। पेट भारी रहना।

सरल है इलाज़ (Skeletal Fluorosis)

इस बीमारी के इलाज़ के लिए सबसे जरूरी है की पीने के पानी को बदला जाए। अगर आपके इलाके के पानी में प्लोरोसिस की मात्रा ज्यादा है तो तुरंत आरओ का पानी पीना शुरू करें दे। साथ ही डाइट का भी खास ख्याल रखें। अगर लगातार कमर में दर्द बना हुआ है तो खून और मूत्र की जांच भी जरूर कराएं। इससे इस बीमारी का आसानी से पता चल जाएगा।

Read Also : Festival of Faith Chhath Puja : आस्था का महापर्व छठ पूजा, जानिए विधि, सामग्री और मान्यताएं

Connect With Us : Twitter Facebook

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT