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Obstructive Sleep Apnea: OSA बीमारी से बप्पी दा की हुई मौत, जानिए कितनी खतरनाक है?

Suman Tiwari • LAST UPDATED : February 17, 2022, 1:42 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Obstructive Sleep Apnea:
बीते मंगलवार देर रात म्यूजिक इंडस्ट्री में डिस्को किंग कह जाने वाले बप्पी दा (69) का निधन हो गया। बता दें एक साल से उनको आब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी (ओएसए) (Obstructive Sleep Apnea) की बीमारी थी। कहते हैं कि अगर समय रहते ओएसए बीमारी को कंट्रोल नहीं किया जाता है तो व्यक्ति को पैरालिसिस जैसी दिक्कत भी हो जाती है। तो चलिए जानते हैं क्या है ओएसए बीमारी, कितनी तरह की होती है, किस उम्र वालों को रहता है ज्यादा खतरा।

What is Obstructive Sleep Apnea?

आब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी (ओएसए) नींद से रिलेटेड एक बीमारी है। इसे ब्रीदिंग डिसआॅर्डर भी कहते हैं। इस बीमारी में सोते समय व्यक्ति की सांस बार-बार रुकती है और फिर चलती है। कई बार सोते समय सांस नींद में ही रुक सकती है। व्यक्ति को इसका पता भी नहीं चलता। सांस रुकने की ये परेशानी दस सेकंड से लेकर एक मिनट तक हो सकती है। ये एक घंटे में औसतन पांस बार हो सकता है।

Obstructive Sleep Apnea

कब होता है Obstructive Sleep Apnea?

आब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी (ओएसए) में सोते समय नाक में एयरफ्लो कम हो जाता है। इसमें नाक और मुंह के ऊपरी हिस्से में हवा भर जाती है। इससे नाक का ऊपरी वायुमार्ग का हिस्सा या पूरी नाक ब्लॉक हो जाती है। इस वजह से डायाफ्रॉम और छाती के मसल्स को ब्लॉक वायुमार्ग को खोलने और फेफड़ों में हवा खींचने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

कितने तरह की होती है ओएसए बीमारी?

  • आब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी: यह सबसे कॉमन टाइप है। इसमें एयर पैसेज में रुकावट के कारण ब्रीदिंग परेशानी होने लगती है। रिपोर्ट अनुसार, स्लीप ऐप्नी के 90-96 प्रतिशत मामले इसी से जुड़े होते हैं।
  • सेंट्रल स्लीप ऐप्नी: इस डिसआर्डर में ब्रीदिंग बार-बार रुकती है और कुछ देर बार खुद ही शुरू हो जाती है। इसका कारण मसल्स को ब्रेन से प्रॉपर सिग्नल नहीं मिलना होता है।
  • कॉन्प्लेक्स स्लीप ऐप्नी: इस डिसआर्डर में आब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी और सेंट्रल स्लीप ऐप्नी दोनों के लक्षण होते हैं। इसमें भी रोगी को सोते समय सांस रुकने की दिक्कत होती है।

ओएसए बीमारी होने का कारण क्या? ( what causes osa disease)

व्यक्ति का वजन ज्यादा होना। बाहर से गला बड़ा होना यानी गले का साइज 17 इंच से ज्यादा होना। आमतौर पर गले का साइज 17 इंच से ज्यादा नहीं होना चाहिए। टॉन्सिल की परेशानी बढ़ना। सांस की नली में बेकार टिश्यूज का बढ़ना। ज्यादा शराब पीना। नींद की गोलियां लेना। अत्यधिक जंक फूड खाना।

Obstructive Sleep Apnea के लक्षण क्या?

  • दिन के समय मे नींद आना या थकान होना।
  • सोकर उठने के बाद व्यक्ति का मुंह सोखना या गले में खराश होना।
  • सुबह के समय पर अक्सर सिर में दर्द रहना।
  • किसी भी काम में ध्यान नहीं लगाना पाना।
  • मूड बदलना या अवसाद में जाना।
  • अक्सर व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत रहना।
  • रात में सोते समय सर्दी हो चाहे गर्मी हो पसीना आना।
  • नींद के दौरा बैचेनी होना।
  • अचानक जागना और ऐसा महसूस करना कि आप हांफ रहे हैं या घुटन हो रही है।
  • सेक्स की समस्या रहना जैसे कम सेक्स ड्राइव। ज्यादा खर्राटें लेना।
  • सुबह उठने में परेशानी होना। रात में बार-बार पेशाब के लिए जागना।

Obstructive Sleep Apnea

कौन-कौन सी हो सकती हैं बीमारियां?

वैसे तो आब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी खुद एक बीमारी है, लेकिन अगर आपने इसका इलाज नहीं करवाया तो इसकी वजह से कुछ गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज।

किस लोगों को रहता ज्यादा खतरा?

अपने देश में 30 साल से ज्यादा उम्र वाले 44 फीसदी पुरुष इस बीमारी से ग्रस्त हैं। इसके साथ ही यह बीमारी बुजुर्गों। किसी रिलेटिव में ये बीमारी है तो आप शिकार हो सकते हैं। अस्थमा के मरीज। डायबिटीज के रोगी। हाई बीपी पेशेंट।

ओएसए से होने वाले गंभीर कॉम्प्लिकेशन्स: नींद में हार्ट अटैक आना। डायबिटीज। हाई ब्लड प्रेशर। ब्रेन अटैक या पैरालिसिस। दिल की धड़कन अनियमित हो जाना।

क्या Obstructive Sleep Apnea का इलाज संभव है?

  • आब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी (ओएसए) बीमारी का इलाज पॉलीसोमोग्राफी या स्लीप स्टडी के माध्यम से किया जा सकता है।
  • पहले ईईजी टेस्ट, ईकेजी टेस्ट और आक्सीजन टेस्ट कराया जाता है।
  • मरीज की नींद पर नजर रखी जाती है।
  • दूसरे टेस्ट में मरीज के हाथों की अंगुलियों और बाजुओं में छोटी सी घड़ी जैसी डिवाइस लगा दी जाती है।
  • यह डिवाइस सोने की स्थिति में नजर रखती है। इसके आधार पर डाक्टर अपना इलाज शुरू करते हैं।
  • स्लीप ऐप्री वाले लोगों को सोते समय टंग रिटेनिंग और माउथपिस का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
  • यह सांस लेने वाली नली में आने वाली रूकावट को कम करने व खोलने में मदद करता है।
  • मुंह और जीभ की थेरेपी भी करवा सकते हैं। यह मांसपेशियों को मजबूत करती है। इससे इलाज में आसानी हो जाती।

Obstructive Sleep Apnea

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