इंडिया न्यूज (FACTORS AFFECTING TEMPERATURE)
तापमान का सीधा संबंध दिगाग और व्यवहार से होता है। ज्यादा गर्मी या ठंड दोनों ही गुस्से और नफरत से भर देती हैं। हाल ही में अमेरिका के 773 शहरों में रहने वाले लोगों के व्यवहार पर तापमान के हिसाब से अध्ययन किया गया। जिसमें पता चला कि अधिक गर्म या ज्यादा ठंड होने पर इंसान में गुस्सा बढ़ता है। तो चलिए जानेंगे किन कारणों से तापमान का सीधा असर दिमाग पर पड़ता है।
रिपोर्ट मुताबिक अमेरिका के हीट वेव के दौरान ऑनलाइन हेट स्पीच या हेट टेक्सट के मामले बढ़ गए। अमेरिका में 25फीसदी ब्लैक और 10फीसदी हिस्पैनिक लोग ऑनलाइन हेट स्पीच का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। मौसम में बदलाव की वजह से एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग चार गुना ज्यादा ऑनलाइन हेट स्पीच का शिकार हुए।
रेगीस्तानी इलाकों में जहां तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस था, हेट स्पीच वाले ट्वीट में 22 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई। इस अध्ययन अनुसार अधिक औसत आय वाले वे इलाके जहां लोग एसी अफोर्ड कर सकते हैं, वहां भी जब तापमान बढ़ा तो लोगों ने गुस्से में हेट ट्वीट्स खूब किए। वे कहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम मौसम के साथ सामंजस्यता नहीं बना पाते।
हेट स्पीच के लिए शोधकतार्ओं की टीम ने यूनाइटेड नेशन की परिभाषा को मानक माना। इसके मुताबिक, किसी भी व्यक्ति या समूह पर उसके धर्म, नस्ल, राष्ट्रीयता, रंग, लिंग या और किसी पहचान के आधार पर किसी तरह की अपमानजनक टिप्पणी हेट स्पीच के तहत आती है। इसमें सबसे बड़ी मुश्किल उन टिप्पणियों का वर्गीकरण करने में आईं, जो एक समूह या समुदाय के लिए सम्मान या प्यार तो दूसरे के लिए अपमानजनक था।
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