(इंडिया न्यूज़, Why is it auspicious to see the Neelkanth bird on Dussehra): दशहरा यानी कि विजयादशमी का पर्व इस साल 5 अक्टूबर दिन बुधवार को मनाया जा रहा है। इस पर्व को पूरे देश में जोश, उत्साह और काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
दशहरे का पर्व नेपाल, भूटान और म्यांमार के कुछ हिस्सों में भी मनाया जाता है। आपको बता दें, इस दिन से जुड़ी कई मान्यताएं भी हैं। ऐसी ही एक मान्यता है इसदिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन की है। इस संबंध में ज्योतिष के मुताबिक दशहरे के दिन नीलकंठ नामक पक्षी के दर्शन अत्यन्त शुभ माना जाता है। इस दिन जिस व्यक्ति को नीलकंठ का दर्शन हो जाये तो आगामी एक वर्ष आर्थिक उन्नति, समृद्धि, सम्पन्नता और आरोग्य में व्यतीत होता है। घर में खुशहाली आती है और जो काम करने जा रहे हैं उसमें सफलता मिलती है।
इसलिए किए जाते हैं नीलकंठ के दर्शन
नीलकंठ को भगवान का प्रतिनिधि मानते हैं। मान्यता है जब भगवान श्री राम रावण का वध करने जा रहे थे तभी उन्हें नीलकंठ के दर्शन हुए थे। इसके बाद भगवान राम को लंका के राजा रावण पर विजय मिली थी। यही कारण है कि इस पक्षी का दिखना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि लंकेश के वध के बाद भगवान राम पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। इस पर राम और लक्ष्मण ने पाप से मुक्ति के लिए भोलेनाथ की आराधना कर उनका आह्वान किया। शिवजी उस समय नीलकंठ के रूप में धरती पर उतरे थे। इस कारण से नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना शुभ माना जाता है। दशहरे पर आतिशबाजी के साथ-साथ बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक में रावण के पुतले जलाए जाते हैं.