(इंडिया न्यूज़, Maa Durga is coming on this ‘vahan’! Know what the sign is): शारदीय नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से देवी माँ की आराधना का शुभ दिन प्रारंभ हो रहा है। उससे ठीक एक दिन पहले यानि अमावस्या को सभी पितृ गण विदा हो रहे हैं, फिर माँ अपने वाहन पर सवार होकर आ रही हैं।
नवरात्र पर कलश स्थापना के साथ पूरे 9 दिनों तक माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाएगी, उन्हें तरह-तरह के भोग लगाए जायेंगे, तरह-तरह से माँ का श्रृंगार किया जाएगा। शारदीय नवरात्रि पर इस बार माँ दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं, ये जानना जितना धार्मिक दृष्टी से महत्वपूर्ण है उतना ही अध्यात्मिक दृष्टि से भी।
नवरात्र पर माँ का प्रस्थान और आगमन हमेशा एक विशेष वाहन पर होता है जिसका अपना विशिष्ट अर्थ होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माँ का वाहन कई शुभ संकेतों को भी ला सकता है और कई अशुभ संकेतों को भी।
इस बार माँ दुर्गा की सवारी देश, काल के लिए क्या लेकर आ रही हैं चलिए जानते हैं..
शारदीय नवरात्र का प्रारंभ होते ही इस बार माँ दुर्गा हाथी की सवारी पर पृथ्वी लोक पर आ रही है। शास्त्रों में जिस दिन नवरात्रि का प्रारंभ होता है, उस दिन से माँ के वाहन की भी चर्चा प्रारम्भ होने लगती है। भागवत पुराण में माँ दुर्गा की सवारी के बारे में विस्तार से बताया भी गया है।
इससे संबंधित एक श्लोक आता है जो इस प्रकार है..
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
इस श्लोक के अनुसार, यदि नवरात्रि सोमवार या रविवार से प्रारंभ हो तो माता हाथी पर विराजमान होकर आती हैं। यदि वह दिन शनिवार या मंगलवार हो तो माता की सवारी घोड़ा होता है और यदि यह दिन शुक्रवार या गुरुवार हो तो मातारानी डोली में आती हैं। यदि बुधवार दिन हो तो माता का आगमन नौका में होता है।
और इस बार माँ का वाहन हाथी है. हाथी की सवारी यानि अधिक वर्षा जिसके प्रभाव से चारों ओर हरियाली होगी। देश में अन्न के भंडार भरे रहेंगे, संपन्नता आएगी, धन और धान्य में वृद्धि होगी। बता दें कि,इस बार माँ हाथी पर आ रही हैं किन्तु उनकी विदाई की सवारी भी तय है। इस साल शारदीय नवरात्रि का समापन 05 अक्टूबर दिन बुधवार को हो रहा है। यानी इस बार माँ की विदाई बुधवार को होती है तो उनकी विदाई का वाहन नौका होगी और यदि उनकी विदाई शुक्रवार को होगी तो वो डोली में विदा होंगी जो पुनः एक शुभ संकेत हैं.