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Margashirsha Amavasya 2022: मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : November 22, 2022, 4:28 pm IST

Margashirsha Amavasya 2022: सभी तिथियों में अमावस्या तिथि को पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि अमावस्या तिथि के दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान का विशेष महत्व है। इस वर्ष मार्गशीर्ष अमवस्या व्रत 23 नवम्बर 2022 के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इसी के साथ शास्त्रों में ये भी बताया गया है कि मार्गशीर्ष मास में कुछ आसान उपायों को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। बता दें कि पितृ दोष की वजह से जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो आर्थिक और स्वास्थ्य आदि के मोर्चे पर परेशान कर सकती हैं। यहां जानिए मार्गशीर्ष अमावस्या पर इन उपायों से मिलती है पितृ दोष से मुक्ति।

अमावस्या पर करें ये आसान उपाय

  • शास्त्रों में बताया गया है कि अमावस्या के दिन व्यक्ति को किसी पवित्र नदी में जरूर स्नान करना चाहिए और श्राद्ध कर्म करना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसा अगर सम्भव न हो तो नहाते समय पानी में गंगाजल मिला लें और तब स्नान करें।
  • मार्गशीर्ष अमवस्या के दिन जल में दूध, तिल, पुष्प, अक्षत व मिश्री मिलकर पीपल के पेड़ को अर्पित करें। यह कार्य दोपहर के समय करें। ऐसा करते समय ‘पितृ देवाय नम:’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद संध्या काल में पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। ऐसा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और पितृ दोष मुक्ति मिलती है।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितृ कवच या रुद्र सूक्त का पाठ नियमित रूप से करें। सुबह के समय यदि यह सम्भव नहीं है तो संध्या पूजा के दौरान जरूर इन स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि किसी गरीब कन्या के विवाह में सामर्थ्य अनुसार योगदान करने से भी व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और उनसे पितर प्रसन्न रहते हैं।
  • अमावस्या के दिन पौधारोपण करने से भी विशेष लाभ मिलता है। इसलिए इस दिन फलदार या छायादार वृक्ष जैसे नीम, पीपल आंवला या तुलसी का पौधा पितरों का नाम लेकर चढ़ाएं। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष का भय दूर हो जाता है।
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