होम / विदेश का फर्जी वीजा देने वाला दंपती गिरफ्तार, 18 पासपोर्ट, 11 डेबिट कार्ड बरामद, जानें कैसे बनाते थे लोगों को शिकार?

विदेश का फर्जी वीजा देने वाला दंपती गिरफ्तार, 18 पासपोर्ट, 11 डेबिट कार्ड बरामद, जानें कैसे बनाते थे लोगों को शिकार?

Naresh Kumar • LAST UPDATED : June 22, 2022, 9:16 pm IST

इंडिया न्यूज, New Delhi News। Fake Visa : विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले पति-पत्नी को आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बता दें कि आरोपी प्रवीण और प्रियंका लोगों को पोलैंड का फर्जी रेजिडेंस वीजा देकर विदेश भेजने के नाम पर ठगते थे। पुलिस ने एक अन्य आरोपी सरबजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से भारत के 18 पासपोर्ट, 11 डेबिट कार्ड, 6 मोबाइल, 7200 रुपये, 7 चेकबुक बरामद की गई हैं।

ऐसे पकड़े गए शातिर आरोपी

पुलिस से मिली जानकारी अनुसार 15 जून को सरबजीत सिंह भारतीय पासपोर्ट और पोलिश रेजिडेंस वीजा के साथ पेरिस जाने के लिए इमीग्रेशन काउंटर पर पहुंचा। छानबीन के दौरान अधिकारियों को लगा कि पोलैंड का रेजिडेंस वीजा फर्जी है। इसके बाद मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

पंजाब पुलिस के एएसआई जसवीर पर लगाया आरोप

सरबजीत ने बताया कि वह पंजाब पुलिस में एएसआई जसवीर के संपर्क में आया था और उसने पोलैंड का रेजिडेंस वीजा बनवाने की बात कही। इसके लिए जसवीर ने 12 लाख रुपये मांगे। उसने सरबजीत को बताया कि दिल्ली में प्रियंका और प्रवीण ये काम करते हैं। सरबजीत ने इसके लिए 12 लाख रुपये देने की हामी भर दी और 60 हजार रुपये एडवांस जसवीर को दे दिए।

कन्टीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टीफिकेट के बाद थमाया नकली वीजा

जसवीर ने बताया कि ये दोनों जनकपुरी जिला केन्द्र में स्टायल आफ फ्लाइंग स्टार ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी चलाते हैं। इसके बाद प्रवीण और प्रियंका ने सरबजीत का कन्टीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टीफिकेट मुंबई से बनवाया और सरबजीत को भेज दिया।

कुछ समय बाद यह सर्टीफिकेट प्रवीण ने सरबजीत से लिया और कहा कि पोलिश रेजिडेंस वीजा विशाल उर्फ पाजी नामक शख्स उसे देगा। कुछ समय तक जब वीजा नहीं मिला, तो सरबजीत सीधे विशाल से बात करने लगा। बाद में वह नकली वीजा सरबजीत को दिया और डील के मुताबिक पैसे विशाल को पोलैंड पहुंचने के बाद देने की बात तय हुई।

पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से किया काबू

सरबजीत के गिरफ्तार होने के बाद प्रवीण और प्रियंका अपने द्वारका स्थित किराय के घर से फरार हो गए। वे बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि दोनों जयपुर में हैं। इसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यूरोप के किसी भी देश का रेजिडेंस वीजा मिलने के बाद उन्हें इसका फायदा मिलता है। इस कारण लोग रेजिडेंस वीजा प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन ठग लोगों को झांसा देकर शिकार बना लेते हैं।

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