Delhi Traffic Police: दिल्ली के अलावा आस-पास के कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा सड़क सुरक्षा को बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं। वह बेहद लापरवाही बरतते हैं। बता दें कि एक अध्ययन के मताबिक 17 परसेंट छात्रों ने खुद से इस बात को स्वीकार किया है कि वह शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। दरअसल, यह जानकारी सफदरजंग अस्पताल के द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आई है। इस अध्ययन में दिल्ली के 5 कॉलेज के 675 छात्रों से सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल पूछे गए थे।
आपको बता दें कि चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस अध्ययन में शामिल 20 प्रतिशत लोगों ने पिछले 30 दिनों में सीट बेल्ट न लगाने की बात को भी स्वीकारा है। वहीं बात करें गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने की तो 37.2 परसेंट लोगों ने ये बात स्वीकारी है। इसके साथ ही इन सबके बीच 17.4 प्रतिशत लोगों ने ये माना है कि उन्होंने शराब पीने के बाद गाड़ी चलाई है। वहीं दोपहिया वाहन चलाकों में 42 परसेंट ने हेलमेट न पहनने की बात को स्वीकार है।
बता दें कि इस अध्ययन में यह भी देखा गया कि शराब पीने वाले लोगों ने सड़क सुरक्षा को ज्यादा ताक पर रखा। शोधकर्ताओं ने इसे बेहद चिंताजनक बताया है और छात्रों की समय-समय पर काउंसलिंग करने की भी मांग की है।
इस अध्ययन में भाग लेने वाल छात्रों की औसत आयु 19.62 वर्ष थी। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस अध्ययन में इस बात का पता चला है कि लड़कों के मुकाबले इसमें लड़कियां ज्यादा शामिल थीं। 52.6 परसेंट लड़कियों और 47.4 प्रतिशत लड़कों ने सड़क सुरक्षा से जुड़े सवालों के जवाब दिए।
जानकारी दे दें कि हर साल भारत में सड़क हादसों में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह वह मौत है जिसे रोकी जा सकती थी। एक अन्य अध्ययन के मुताबिक मोबाइल पर बात कर गाड़ी चलाते हुए 5 लोग हर रोज अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसे में लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए, जिससे उनके साथ-साथ दूसरों की जान बच सके।
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