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Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण हुआ बेकाबू पंजाब में पराली जलने का कितना नुकसान

Divya Gautam • LAST UPDATED : November 2, 2022, 4:25 pm IST

दिल्ली में मंगलवार(1 नवंबर) को धुंध और धुएं की परत छाई रही, पंजाब में पराली जलाए जाने के मामले बढ़ने के कारण ये हालात देखने को मिल रहे है, मंगलवार को दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 424 दर्ज किया गया है।

पूर्वी पाकिस्तान से पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंधु-गंगा के मैदानों के विशाल क्षेत्रों में धुंध की एक परत दिखाई दे रही है  दिल्ली का 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मंगलवार शाम 4 बजे 424 था, जो पिछले साल 26 दिसंबर के बाद सबसे खराब है।

400 से ऊपर पहुचा  एक्यूआई 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  के आंकड़ों के अनुसार, 2 जनवरी (एक्यूआई 404) के बाद इस साल दिल्ली में यह दूसरा ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता दिवस है 400 से ऊपर एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है और पहले से बीमार व्यक्तियों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

पराली कैसे बनी वजह? 

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली पूर्वानुमान एजेंसी वायु गुणवत्ता मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, खेतों में पराली जलाने से दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण में हिस्सेदारी मंगलवार(1 नवंबर) को 14 फीसदी दर्ज की गई।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IRI) ने मंगलवार को पंजाब में खेतों में 1,842 जगहों पर पराली जलाने और सोमवार को 2,131 जगहों पर पराली जलाने की सूचना दी पंजाब में 15 सितंबर से खेतों में पराली जलाने के कुल 17,846 मामले सामने आये हैं दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2021 में गठित एक वैधानिक निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पिछले हफ्ते कहा था कि पंजाब में इस साल पराली जलाने की बढ़ती घटनाएं ‘गंभीर चिंता का विषय’ बन गई है।

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