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नेवी को नया ध्वज भी मिला, अंग्रेजों का लाल क्रॉस हटाया, समझें नए ध्वज की अहमियत

Vir Singh • LAST UPDATED : September 2, 2022, 12:39 pm IST

इंडिया न्यूज, कोच्चि, (New Naval Ensign Nishaan ): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वदेश युद्धपोत आईएनएस विक्रांत के साथ ही नौसेना के ध्वज के नए निशान का भी अनावरण किया। नौसेना के ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस का निशान होता था जिसे अब हटा दिया गया है।

अब ध्वज की दाईं तरफ नीले रंग के बैकग्राउंड पर गोल्डन कलर में अशोक चिह्न बना है। इसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। जिस पर अशोक चिह्न बना है, असल में वह छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर है। इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण: यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों। हमारे देश में वरुण को समुद्र का देवता माना जाता है, इसलिए नेवी के नए निशान पर ये वाक्य लिखा गया है।

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इंडियन नेवी ने अपने सीने से उतारा गुलामी का एक निशान : पीएम

पीएम मोदी ने नौसेना के ध्वज के नए निशान के अनावरण पर कहा, आज इंडियन नेवी ने गुलामी का एक निशान अपने सीने से उतार दिया है और आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। अब तक इंडियन नेवी के ध्वज पर गुलामी का निशान था। अब से छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित निशान नेवी के ध्वज में लहराएगा। मोदी ने कहा, आज मैं नौसेना के जनक छत्रपति शिवाजी महाराज को नया ध्वज समर्पित करता हूं।

नेवी का नया ध्वज औपनिवेशिक अतीत से दूर

नेवी का नया ध्वज औपनिवेशिक अतीत से दूर है और यह भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से परिपूर्ण है। अब तक भारतीय नौसेना का निशान सफेद फ्लैग था और उसके ऊपर खड़ी व आड़ी लाल धारियां बनी थीं, जिसे क्रॉस आॅफ सेंट जॉर्ज कहते हैं। इसी के साथ इसके बीच में अशोक चिह्न बना था और ऊपर बाईं तरफ तिरंगा लगा था।

जानिए क्या है निशान बदलने का इतिहास?

हमारे देश को आजादी मिलने के बाद जब बंटवारे के दौरान नौसेना का भी बंटवारा हुआ। तब नौसेना के नाम रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी पड़े। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को जब भारत गणतंत्र बना, तो इसमें से ‘रॉयल’ शब्द हटा दिया गया और नया नाम भारतीय नौसेना पड़ा। नाम बदला, पर नौसेना के निशान पर ब्रिटिश काल की झलक बनी रही। यानी नेवी के झंडे पर जो लाल क्रॉस नजर आता है, वह ‘सेंट जॉर्ज क्रॉस’ है, जो अंग्रेजी झंडे यूनियन जैक का हिस्सा होता था।

पहले भी कई बार किए गए बदलाव

वर्ष 2001 में यह झंडा बदला गया और लाल क्रॉस हटाकर इसकी जगह नीले रंग में अशोक चिह्न बनाया गया। हालांकि, इसमें शिकायत आई कि नीला रंग समुद्र व आसमान से मिलता है। इस वजह से यह दिखाई नहीं देता। वर्ष 2004 में फिर बदलकर लाल क्रॉस लगाया गया और क्रॉस के बीचों-बीच अशोक चिह्न लगाया गया। 2014 में फिर इसमें फिर थोड़ा बदलाव किया गया और अशोक चिह्न के नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा गया।

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