दिल्ली की जामा मस्जिद के प्रशासन ने मुख्य गेट पर नोटिस लगाकर मस्जिद में अकेली महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है इस फैसले पर कुछ वर्गों से अलग-अलग आलोचनाओं के बाद शाही इमाम ने कहा कि नमाज पढ़ने आने वाली लड़कियों के लिए यह आदेश नहीं है प्रशासन के नोटिस के अनुसार जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिला मना है।
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के अनुसार मस्जिद परिसर में कुछ घटनाएं सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया उन्होंने कहा जामा मस्जिद इबादत की जगह है और इसके लिए लोगों का स्वागत है लेकिन लड़कियां अकेले आ रही हैं और अपने दोस्तों का इंतजार कर रही हैं यह जगह इस काम के लिए नहीं है इस पर पाबंदी है।
विश्व हिंदू परिषद् के प्रवक्ता विनोद बंसल ने इसकी आलोचना करते हुए ट्वीट किया है कि भारत को सीरिया बनाने की मानसिकता पाले ये मुस्लिम कट्टरपंथी ईरान की घटनाओं से भी सबक नहीं ले रहे हैं, यह भारत है यहां की सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर बल दे रही है।
भारत को सीरिया बनाने की मानसिकता पाले ये मुस्लिम कट्टरपन्थी ईरान की घटनाओं से भी सबक नहीं ले रहे. .!!
ये भारत है, जहां की सरकार का नारा है..
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ
और जामा मस्जिद में नारी निषेध है??@NCM_GoI @sharmarekha and @MinistryWCD to please look into it— विनोद बंसल Vinod Bansal (@vinod_bansal) November 23, 2022
वहीं दूसरी ओर सहारनपुर मुस्लिम धर्मगुरु और जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक कारी इसहाक गोरा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है उन्होंने इस फैसले को सही ठहराया है कारी इसहाक गोरा का कहना है कि जामा मस्ज़िद की इंतजामिया ने जो फैसला लिया है वो सही है और किसी को इस फैसले से आपत्ति नही होनी चाहिए।
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