इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): उत्तर प्रदेश की स्थानीय अदालत ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अतुल राय को 24 वर्षीय महिला द्वारा दायर कथित बलात्कार मामले में बरी कर दिया है.
24 वर्षीय महिला/पीड़ित, जिसने वर्ष 2019 में राय पर बलात्कार का आरोप लगाया था, वह और उसके पुरुष मित्र ने 16 अगस्त, 2021 को सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा लिया था। 24 अगस्त को दोनों ने दम तोड़ दिया था.
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश सियाराम चौरसिया की अध्यक्षता में वाराणसी में एक विशेष अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष विश्वसनीय और विश्वसनीय सबूतों के आधार पर सभी उचित संदेहों को व्यापक रूप से दूर करने में विफल रहा है जो न्यायालय के विश्वास को प्रभावित करता है.
1 मई, 2019 को वाराणसी के लंका पुलिस स्टेशन में पीड़िता द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर राय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राय लगभग एक साल से उसका कथित रूप से यौन उत्पीड़न कर रहा था.
कथित तौर पर, पहली घटना वर्ष 2018 में हुई थी जब पीड़ित अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए वाराणसी में राय के फ्लैट पर गई थी। उसने आरोप लगाया कि राय ने उसके साथ बलात्कार किया और उसने यौन उत्पीड़न की रिकॉर्डिंग भी की और धमकी दी कि अगर वह पुलिस के पास जाती है तो वह इसे सोशल मीडिया पर प्रसारित कर देगा.
1.राय के फ्लैट पर पीड़िता कब पहुंची इसका समाया नही बता पाई। वह समय भी नहीं बता सकी कि वह अतुल राय के फ्लैट पर कब गई और वह कथित रूप से अतुल राय द्वारा बनाए गए बलात्कार का वीडियो भी पेश करने में विफल रही.
2.पीड़िता के चिकित्सकीय परीक्षण में उसके गुप्तांगों पर कोई स्पष्ट चोट नहीं पाई गई। हाइमन फटा हुआ पाया गया। कोई जीवित या मृत शुक्राणु नहीं पाया गया.
3.जबकि उसने आरोप लगाया कि घटना 7 मार्च, 2018 को हुई और उसके बाद हर 15 दिनों के बाद उसके साथ बलात्कार किया गया, हालांकि वह घटना की जगह नहीं बता सकी। वह न तो रेप के दौरान पहने गए कपड़े पेश कर पाई और न ही मेडिकल जांच के लिए खुद को पेश कर पाई.
4.पीड़िता की तरफ से कहा गया की घटना के फ्लैट/जगह में सीसीटीवी मौजूद थे, हालांकि जांच के दौरान न तो कैमरा मिला और न ही सीसीटीवी.
5.420 दिन के बाद मामला दर्ज करवाया गया.
6.पीड़िता द्वारा दायर की गई शिकायत पर कैम स्कैनर लिखा गया था और वह इसका संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सकी.